उमीदे सागर में डूबे जा रहा हूँ,
मंज़िल है सामने, लड़खड़ा रहा हूँ,
कर रहा हूँ याद मैं, मुश्किलें आगाज़ की,
गीत वही हौंसले का गुनगुना रहा हूँ,
विश्वास रख खुदी पे, खुद को आज़मा रहा हूँ,
क्या हुआ, जो वक़्त लग रहा है मुझे पहुँचने मैं -२
ऐ मंज़िल, देख इधर देख, तेरे पास आ रहा हूँ.
– मान लुधयानवी