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आंखों में नमी है, बस तेरी ही कमी है।

Prakash_Raj_7644
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Synopsis

Chapter 1 - आंखों में नमी है, बस तेरी ही कमी है।

आंखों में नमी है, बस तेरी ही कमी है।

छायी है उदासी, हर पल तिष्नगी है।

गुम है सारी खुशी, बेचैन जिंदगी है।

याद करने का भी फुरसत नहीं है, जानते हैं हम।

पर तुमको ये भी मालूम होगा,

तुमसा न कोई अब तक मुझको जमी है।

आंखों में नमी है, बस तेरी ही कमी है।

भूल जाओ तुम, हम ना भूल पायेंगे।

तन्हा रहोगे जब, याद तुम्हें हम आएंगे।

अब इतना व्यस्त भी ना रह पाओगे,

कि हर वक्त काम होगा तुम्हें।

कोई जाने ये जोड़ी कब, कहां और कैसे बनी है।

आंखों में नमी है, बस तेरी ही कमी है।

देखना तुम जब मिलेंगे तुमसे,

कुछ भी ना बोल पाओगे हमसे।

बस आंखों में ले के आंसू,

देखोगे चुप चाप।

एहसास होगा तुम्हें ये वक्त कितना सबनमी है।

आंखों में नमी है, बस तेरी ही कमी है।

होगा अफ़सोस तुम्हें, सर्मिंदगी भी होगी।

माफ़ करेंगे हम, खुशनुमा जिंदगी भी होगी।

पहले आना होगा तुम्हें,

जहां छोड़ के गयी हो।

मेरी आंखें हर रोज़ इंतज़ार कर रही है।

आंखों में नमी है, बस तेरी ही कमी है।