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Chapter 31 - खाना क्या खाना? केवल तुम्हें खाना ही काफी है

"..."

भले ही उन्होंने खड़े हो कर वहाँ से जाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया था, जी नुआन ने फिर भी अनजाने में उनकी आस्तीन पर अपनी पकड़ मजूबत की और उनकी कोहनी को दबाया, उन्हें जाने से रोक दिया।

मो जिंगशेन उसकी कमर को पकड़ा; उनका सुंदर चेहरा उसके करीब झुक गया। उनके होंठ लगभग उसके गाल पर दबाए गए थे, उनकी सांसे गर्म थीं। "क्या ऐसा हो सकता है कि वह व्यक्ति जिसने मुझे पहले संदेश भेजा था, वह तुम नहीं थी?"

जी नुआन नहीं बोली। उन्होंने उसे अपनी बाँहों में पकड़ा हुआ था, और उसका पूरा शरीर पिघल सा गया था। वह कुछ बोलना नहीं चाहती थी और न ही वह इतनी सुकून भरी शांति में खलल डालना चाहती थी।

बस इसी तरह उनके गले लगने से दिल को सुकून मिला। ऐसा लगा जैसे घर वापिस आ गए हों।

वह कुछ नहीं बोली। उनकी आवाज उसके कान के पास आयी। यह बहुत धीमी थी लेकिन भावुक था, "अगर तुम अभी भी बात नहीं करोगी, तो मैं तुम्हें चूम लूंगा, एन?"

जी नुआन बस कुछ बोलने ही वाली थी, जैसे ही उसने अपना सिर घुमाया, एकाएक उसे उसने चूम लिया जिसने अपना सिर नीचे झुकाया हुआ था।

अचानक चुंबन की वजह से उसका पूरा शरीर एक पल में ऐसा हो गया जिसे आसानी से अपने काबू में किया जा सकता था। वह बिना हिले आज्ञाकारी रूप से उनके आलिंगन में समा गयी। इस तरह की स्थिति में पकड़े जाने और इतना अंतरंग होने से उसकी सभी इंद्रियां प्रभावित हो रही थीं।

चुंबन और गहरा हो गया। जी नुआन ने धीरे से अपनी आँखें बंद कर लीं। जैसे ही वह उन्हें वापस चूमने की कोशिश करने वाली थी, उसने अचानक महसूस किया कि उसके हाथ उनके द्वारा उठाए जा रहे थे।

उसने अपनी आँखें खोलीं और महसूस किया कि उसके हाथों को उनके गले की टाई पर दबाया जा रहा था। उसे चूमते हुए उनकी निगाहें उत्तेजक थीं।

यह ऐसा लग रहा था जैसे कि वो कहना चाह रहे थे कि: यदि तुम्हारे पास क्षमता है तो इसे करो।

ऐसी निगाहों से जी नुआन की हड्डियों तक में सिहरन फ़ैल गई थी जिसने उसको उस हद तक व्याकुल कर दिया था| 

उसके हाथ को उनकी टाई पर दबाया गया था लेकिन थोड़ी देर के बाद उसने फिर भी इसे नहीं हटाया था। उन्होंने अपनी बाँहों को उसके चारों ओर उस हद तक कस दिया, जहाँ उनके बीच मुश्किल से कोई जगह थी। उनकी कोमल जीभ उसकी जीभ के साथ लिपटी हुई थी। 

वह प्राणहीन हो कर उनके गले से लगी हुई थी और उसके हाथों ने अनजाने में उनके गले की टाई को कसकर पकड़े हुए था। यहाँ तक ​​कि उनके कपड़ों के साथ वह उनके शरीर पर गर्मी महसूस कर सकती थी।

अपने पिछले और वर्तमान जीवन में एक ऐसी भावुक बातचीत जहाँ सभी बंधन टूट गए थे जैसे वे एक-दूसरे में डूबे हुए थे यह सब उसके लिए अपरिचित लेकिन रोमांचिक था।

यह एक हार्दिक इच्छा थी जो उसने पहले कभी अनुभव नहीं की थी।

जब जी नुआन अचंभे में थी, मो जिंगशेन ने अपने हाथों को उसके कपड़ों के अंदर डाल दिया। उनकी गर्म उँगलियों ने धीरे से उसकी त्वचा को रगड़ा मानो एक लौ निकल रही हो, जिसने उसके शरीर को जला दिया था।

जी नुआन का शरीर एकाएक कांप गया। उसकी आँखें झटके से खुलीं और उनकी आँखों से मिलीं जो समुद्र के तल के नीचे बिखरी हुई स्याही की तरह काली थी।

सुबह में, वह जायदाद-संबंधी बाजार के लिए दस्तावेजों और सबूतों को प्रस्तुत करने की जल्दी में थी। वह बैठक कक्ष में रुकी थी जिसमें सभी तरह की सुगन्ध थी। उसे अचानक लगा कि उसके शरीर पर कोई अप्रिय गंध है।

यह सोचकर कि उसे अभी तक स्नान नहीं किया था, उसने उन्हें फिर से जल्दी से धक्का दिया, लेकिन उसे आसानी से उनके द्वारा बिस्तर पर दबा दिया गया।

जी नुआन हांफने लगी, उसके साफ सफेद चेहरे पे जोश का संकेत था और उसके चेहरे की लाली छिपी नहीं रह सकती थी। "यह जी घर है ... यू गार्डन नहीं ... चलिए यू गार्डन में लौटने तक इंतजार करते हैं ..."

मो जिंगशेन ने सोचा था कि उसे पीछे हटने नहीं देंगे। उन्होंने उनके गहरे चुम्बन को बिना रुके फिर से आरंभ कर दिया और यहां तक ​​कि जब वह असहाय थी तो उसके आधे कपड़े भी उतार दिए।

"रुको-रुको! मैंने स्नान नहीं किया है ..." जी नुआन के बाल बिखरे हुए थे; उसका चेहरा लाल हुआ पड़ा था। वह अब अपनी सांसों के फूलने पर नियंत्रण नहीं रख सकी और चुपचाप संघर्ष करती रही। "मुझे स्नान करने दो ... मैं बहुत जल्दी तैयार हो जाऊंगी ... ऊऊ ..."

उसके शर्मीले और उत्तेजक व्यवहार के कारण मो जिंगशेन को अपने शरीर के निचले हिस्से में रक्त के प्रवाह का एहसास हुआ। यह ऐसा था जैसे उसकी काली आँखों में आग लग गई हो। उसने उसे नरम कंबल पर धकेल दिया।

उस आदमी की भारी आवाज ने उसके दिल को कंपा दिया। "तुम्हारे बिस्तर पर होने के एकमात्र अधिकार किसको है? मैं इसे फिर से कहने का अवसर तुम्हें दूंगा।"

"..."

भव्य मो व्यापारसंघ के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी रुई से भरे हुए एक सफेद भालू की वजह से वास्तव में इस हद तक क्रुद्ध हो रहे थे!

जी नुआन के दिमाग ने एक पल के लिए काम करना बंद कर दिया। "यह भालू कई वर्षों से मेरे बिस्तर पर है। मैं भी भूल गयी हूं कि कब मैंने उसे खरीदा था। 

मिस्टर बियर की तुलना में, श्री मो ने मुझे केवल कितनी रातों के लिए मुझे सोने के लिए पकड़ा है?"

मो जिंगशेन की खूबसूरत भौंहे उठ गयीं। उनका सिर एक बार फिर नीचे झुक गया। "अगले दसियों वर्षों के लिए आपके बिस्तर पर केवल मैं ही होऊंगा।"

बोलने के बाद, उन्होंने जी नुआन के कोई प्रतिक्रिया करने के लिए इंतजार नहीं किया और उससे पहले ही उन्होंने उसके कान के नीचे वाले भाग पर चूम दिया।

उन्होंने अचानक उसके सबसे संवेदनशील क्षेत्र को चूमा था। जी नुआन को लगा जैसे उस समय उसका मस्तक फट गया था, और उसका सिर पूरी तरह खली हो गया क्योंकि वह कुछ समझ नहीं पा रही थी।

"मो जिंगशेन ..."

उसने वास्तव में भागने की योजना नहीं बनाई थी। यह सिर्फ इतना था कि उन्होंने ये सब बहुत अचानक से किया था, और उसके पास अपने दिल को तैयार करने का मौका नहीं था, जिससे उसका दिल अभी भी पागलों की तरह धड़क रहा था।

"तुमने मुझे क्या कहती हो?" यह ऐसा था जैसे वह उसकी त्वचा के सबसे संवेदनशील पैच को जाने नहीं देना चाहता था और उन्होंने अपनी धीमी आवाज में उसके कान में धमकी दी।

जी नुआन ने अपने होंठों को पीछे किया। उसकी आँखें चमक उठीं और कामुकता से भर गईं।

उन्होंने उसके कान के पास साँस ली, जिससे वह उनकी बाँहों के घेरे में कांप उठी और वह कुछ भी कहने में असमर्थ थी।

"तुम मुझे क्या कहती हो?" उनकी आवाज कर्कश और धीमी थी जब उन्होंने उससे पूछा।

"जिंगशेन..." जी नुआन अब न तो शांति से सोच सकती थी, न ही वह ठीक से बोल सकती थी। वह उनकी इच्छानुसार केवल अवचेतन रूप से उत्तर दे सकती थी।

इस उत्तर ने उन्हें संतुष्ट नहीं किया था। उनके हाथ उसके कपड़ों के अंदर चले गए और उसके अंगों को छूने लग गए।

जी नुआन का शरीर तन गया। उसने उनकी ओर ऐसे देखा जैसे कि उसे बिजली का झटका लगा हो।

फिर भी, उसने केवल उस आदमी देखा जो घूरकर उसे देख रहा था। उनके चेहरे के भावों को देख उसका प्रतिरोध भी नरम हो गया। उसने स्नान करने के दृढ़ संकल्प को भी अपने मन से निकाल दिया।

"पति ..."

एक आदमी के लिए, यह नरम और हिचकिचाने वाली आवाज एक दवा का काम करती है जो उसकी सभी भावनाओं को उत्तेजित कर देती है।

उनका चुंबन उसके कान से होते हुए उसकी बर्फ सी सफेद गर्दन की ओर नीचे चला गया। यह उसकी हँसुली की हड्डी की ओर बढ़ा। एक-एक कर के, धीरे और बेतरतीब ढंग से उसके शरीर को चूमा गया।

थोड़ा-थोड़ा करके, नीचे की ओर ...

यह जारी रहा ...

अचानक बेडरूम के बंद दरवाजे पर एक जोरदार दस्तक हुई।

दोनों रुक गए। जी नुआन हैरान थी और उठने की कोशिश की, लेकिन मो जिंगशेन ने उसे पकड़ लिया। वह उसे तीव्रता से घूरते रहे मानो पूरी तरह से अप्रभावित हों, और उन्होंने अपनी खोज जारी रखी।

"ऊऊ ... कोई खटखटा रहा है ... ऊऊ ..."

यह एक पल के लिए शांत था, और फिर अधिक खटखट की आवाज़ सुनी जा सकती थी। "ठक ठक ठक-"

उसके बाद, जी मेंगरान की कोमल आवाज दरवाजे से आयी, "बड़ी बहन, क्या तुम लोग सो गए हो? आंटी किन ने मेरे लिए कुछ खाना बनाया, लेकिन उन्होंने बहुत ज्यादा बना दिया है। मैं यह सब खत्म नहीं कर सकती, इसलिए मैं आप दोनों के लिए थोड़ा लायी हूं। भाई जिंगशेन पूरी रात काम कर रहे थे, उन्होंने शायद खाना नहीं खाया, सही है न। दरवाजा खोलो, मैं तुम्हारे लिए खाना ले आऊंगी। "

जी नुआन ने कमरे के दरवाजे की ओर अपनी निगाहें घुमाई।

वह उठने वाली थी, लेकिन मो जिंगशेन ने जाने नहीं दिया। थोड़ी देर संघर्ष करने के बाद, उसके कपड़े और भी गन्दे हो गए।

"क्या तुम वाकई इस तरह से दरवाजा खोलना चाहती हो?" मो जिंगशेन ने अपना सिर नीचा किया, मुस्कुराते हुए उन्होंने उसके कंधों को देखा, जो निशानों से भरे पड़े थे।

जी नुआन उस पर तीव्र नज़र डाली और फिर बोलने के लिए अपनी आवाज़ धीमी की, "जी मेंगरान यक़ीनन यहीं है कोई फर्क नहीं पड़ता आप कहाँ भी जाओ, वो वहाँ आ जाएगी। आम तौर पर, मैं उसे खाना खाते नहीं देखा है। फिर भी, वह आज इतनी ज़िद्दी है। न केवल वह खुद खा रही है, लेकिन वह आपके लिए भी लाने पर जोर दे रही है। "

मो जिंगशेन अचानक उसे और गहराई से चूमा। "क्या खा लो, खाना? केवल तुम्हें खाना ही काफी है।"

जी मेंगरान के बाहर खड़े होने के कारण जी नुआन की मदद नहीं कर सकी लेकिन वह विचलित हो गयी थी। दूसरी ओर, मो जिंगशेन ने दरवाजे के बाहर खड़े व्यक्ति पर कोई ध्यान नहीं दिया। जैसे ही जी नुआन फिर से खड़ी होने वाली थी, उन्होंने एक गहरा चुंबन दे दिया जिससे वह बच नहीं सकी। उसी समय, वह उसके ऊपर पर और अधिक झुक गया, उसे हिलने से रोक दिया, जबकि उन्होंने उसका स्कर्ट जो पहले से ही आधा खींचा हुआ था उसे पूरा खींच कर जमीन पर फ़ेंक दिया।

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