Chereads / Anurag Gupta / Chapter 1 - चंचल और प्यारी बहना

Anurag Gupta

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Synopsis

Chapter 1 - चंचल और प्यारी बहना

बहन छोड़कर जब जाती है तब हमारी आंखें नहीं घर सुना हो जाता है याद आती है वह पल जिस पल लड़ा करते थे हम छोटी-छोटी बातों पर जैसे किसी छोटी सी बात को लेकर लड़ना झगड़ना लेकिन यह झगड़ा सबके घर में होता है टीवी के रिमोट के लिए हमारी भी एक प्यारी बहन है जिससे हम भी टीवी के रिमोट के लिए झगड़ा करते थे लेकिन आज वह समय आ गया ना टीवी चलती है ना रिमोट का पता बहुत याद आ रही है दीदी तुम्हारी,,,,,,,

खुश नसीब हैं वो बहन जिसके सर पर भाई का हाथ होता हैं

चाहे कुछ भी हालात हो, ये रिश्ता हमेशा साथ होता है,,,,,

मांगी थी दुआ हमने रब से,

देना मुझे एक प्यारी बहन जो अलग हो सबसे,

उस खुदा ने दे दी एक प्यारी सी 'बहन' और कहा,

सम्भालो ये अनमोल है सबसे!

भाई और बहन के प्यार में बस इतना अंतर है कि रुला कर जो मना ले वो भाई है और रुला कर खुद रो पड़े वो है बहन…

आज दिन बहुत खास हैं,

बहन के लिए कुछ मेरे पास है,

उसके सुकून के खातिर ओ बहना.

तेरा भाई हमेशा तेरे आस-पास हैं.