नमस्कार दोसतों आज में आपको एक जादूगर की कहानी सुनाता हूं लेकिन उससे से पहले में आपको कहना चाहता हूं कि मेरी इस कहानी को लाईक और शेयर करें।
आज में आपको एक जादूगर की कहानी सुनाता हूं, जिसका नाम चिंतामणि गोस्वामी है, वह बहुत अच्छा जादू करता था लेकिन वह अकेला रहेता था उसके माता पिता बचपन में ही गुजर गए थे उसने जादू अपने पिताजी से सीखा था उसके पिताजी भी बहुत बड़े जादूगर थे, जब जब उसके पिताजी जादू करने जाते तो चिंतामणि उनके साथ रेहता था उससे बचपन से ही बहुत शौक था जादू करने का लेकिन उसको वह कला नहीं आती थी जो कि उसके पिताजी करते थे ।एक दिन कि बात है चिंतामणि ने अपने पिताजी को कहा कि पिताजी मुझे भी जादू सीखना है तब पिताजी ने बताया कि में तुमको इसलिए साथ के जाता हूं कि तुम जादू सिख जाऊ , तब चिंतामणि कहेता है कि पिताजी जो जादू कि कला आपको आती है वह मुझे नहीं आती है मुझे वह कला सीखा दीजिए, चिंतामणि के बार बार कहेने के बाद चिंतामणि के पिताजी उसको धीरे धीरे जादू कि कला सीखाने लगे।
धीरे धीरे समय के साथ साथ चिंतामणि बहुत अच्छा जादूगर बन गया था, फिर एक दिन ऐसा जब उसके पिताजी की मौत हो गई और अब चिंतामणि अकेला रहता था।
चिंतामणि अब बहुत अच्छा जादूगर बन गया और पूरी दुनिया चिंतामणि का लोहा मानने लगी थी क्योंंकि एक समय ऐसा आया जब चिंतामणि के सामने कई परेशानियों ने घेरा डाला था लेकिन चिंतामणि ने हार नहीं मानी थी क्योंंकि उसने अपने पिताजी से एक वादा किया था कि में उनसे बड़ा जादूगर बनूंगा और ऐसा ही हुआ, आज चिंतामणि एक बहुत बड़ा जादूगर बन गया था।
धन्यवाद
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