Chereads / Naa jaane kyun . / Chapter 1 - ना जाने क्यूं ?

Naa jaane kyun .

🇮🇳Anantprakashian
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Synopsis

Chapter 1 - ना जाने क्यूं ?

उसकी आंखों में वो नशा है , जिसमें खुद को भुलाकर डूबने को जी चाहता है ,

वक्त को ख़ामोश कर उसको अदब के साथ सुनने को जी चाहता है ,

कुछ इस कदर बसी है ,

वो मेरी रूह में हर पल कि अब हक़ीक़त में ना सही ,

उसे हर पल ख्वाबों में हि बुलाने को जी चाहता है ।

काश तुम चांद और मैं सितारा होता , आसमां में इक आशियाना हमारा होता ,

लोग तुम्हें दूर से देखते मगर पास से देखने का हक सिर्फ हमारा होता ,

वो मिलती भी थी तो मुझे कुछ इस तरह , जैसे चांद को चांदनी मिलती हो उस तरह ,

वो मिलकर मुस्कुराती भी थी तो कुछ इस तरह , जैसे खोए हुए बच्चे को उसकी मा मिले कुछ इस तरह ,

वो मिल कर दूर गई भी तो कुछ इस तरह , जैसे सूरज को उसकी रोशनी कभी मा मिले उस तरह ।

ना जाने क्यूं ?