कुशवाहा मूल रूप से भारत में निवास करने वाली एक जाती है,जो बिहार में कोइरी,उत्तर प्रदेश में कोइरी, मौर्य, काछी तथा मध्य प्रदेश में कछवाहा और राजस्थान में भी कच्छवाहा जाति के नाम से जाने जाते हैं! इनका मुख्य कार्य खेती करना होता है, इतिहास की बात करें तो कुशवाहा पूरे भारतवर्ष के हर एक राज्य में पाए जाते हैं! कुछ इतिहासकार यह भी बताते हैं कि चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य कुशवाहा जाति से ही आते हैं कुशवाहा जाति में अनेक महारथियों ने जन्म लिया, आज की स्थिति देखा जाए तो कुशवाहा पूरी तरह से बिखर चुका है, बहुत सारे संगठन ने समाज को एकत्रित व संगठित करने का प्रयास किया और कर भी रहे हैं मगर कुछ सफल हुए और कुछ असफल है! समाज को आगे बढ़ाने के लिए जितने भी बुद्धिजीवी कुशवाहा समाज से आते हैं उन्हें यह चाहिए कि वह उस तरह का माहौल बनाएं वैसे सुविधाएं संगठन के द्वारा दिया जाए या पार्टी विशेष के द्वारा दिया जाए जो समाज की उन्नति कर सकें! समाज के तमाम बुद्धिजीवियों से मेरा यही आग्रह है वैसे व्यक्ति का चुनाव करें जो समाज के लिए हितकारी हो क्योंकि सम्राट अशोक अक्सर यही कहते थे के sarv lokhit से बढ़कर कोई कार्य नहीं, आज भी कुशवाहा समाज के नेताओं की कमी नहीं है, मगर यह सारे नेता समाज को दीमक की तरह चाट रहे हैं हम समाज के लोग को यह चाहिए कि ऐसे लोगो की पहचान समय रहते कर उन्हें सत्ता से वंचित किया जाए, क्योंकि जब तक लोग संगठित नहीं होंगे एकत्रित नहीं होंगे अपने समाज का भला कभी नहीं कर पाएंगे! तथा समाज के सफल लोगों से विनती है कि वे समाज के जो दवे लोग हैं, उनके मदद कर उन्हें भी ऊपर उठाने का प्रयास करें, वह समय आ गया है जब हम कुशवाहा को एकत्रित होकर पुनः विश्व मैं पुनः सम्राट अशोक चंद्रगुप्त मौर्य जैसे ख्याति प्राप्त कर सकें! आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद! जय सम्राट अशोक, जय कुशवाहा, जय मौर्य वंश!