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प्यार का नशा

Ashoka_Kumar_Kuri
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Chapter 1 - प्यार के लिये दारू के नशे में धुत

'अरे उठ , चल जल्दी से गाड़ी में बैठ'-दीपू ( मेरा छोटा भाई )ने कहा |

' अरे यहाँ कैसे आया दीपू मैं?'|

' वो बाद में बताऊंगा ,पहले जल्दी से गाड़ी में बैठ'-दीपू ने कहा |

' अरे ठीक है ,बैठ रहा हूँ ना, हाथ तो छोड़ दे नहीं गिरूंगा '-मैंने कहा |

' घर पर सब परेशान है ,जल्दी चल'-दीपू ने कहा |

' क्यूँ क्या हो गया घर पर?'-मैंने पूछा |

' तेरे इस चुतियापा की वजह से ही सब हो रहा, तुझे एक बार अच्छे से समझा दिया की भूल जा उसे, मिलने वाली नही है वो तुझे, लेकिन तू सुनता कंहा है किसी की'- दीपू ने कहा |

' क्या बोला… ,कान खोल के सुन ले की मैने उससे मोहब्बत करने से पहले ये शर्त नही रखी थी की वो भी मुझे मोहब्बत करेगी ,और तू मेरा भाई है या दुश्मन,'-मैने कहा |

' तेरी ये आशिकी चुप कर ,जो पिछले 4 साल में एक बार भी तुझे भाव नही दी उससे और क्या उम्मीद करेगा तू'-दीपू ने जोर देते हुए कहा |

' मैंने तुझसे पूछा की वो मुझे मिलेगी या नहीं?

नीचे उतार मुझे , नहीं जाना तेरे साथ'-मैंने कहा |

' तू कौन होता है नहीं जाने वाला , गलती करके हीरो समझता है अपने-आप , पता भी है तुझे की तेरी वजह से पापा को कितना परेशानी होगा,अपना काम छोडकर आ रहे है वो तेरे लिये , और मैं खुद ड्यूटी छोडकर आया हूँ'- दीपू ने गुस्से से कहा |

' मैने बुलाया था तुझे?, बोल ना चुप क्यूँ हो गया?'—मैंने कहा |

' तू उसके पीछे इतना पागल हो गया है की तू अपने परिवार को भी भूल गया है कुत्ते, बोलने से पहले सोचता भी है तू?'- दीपू ने कहा |

' नही , मैं सिर्फ उसके बारे में सोचता हूँ , तुझे कोई दिक्कत है उससे?'-मैने कहा |

' मुझे कोई दिक्कत नही, लेकिन घर चल पापा तैयार है तेरी मारने के लिये'-दीपू ने कहा |

पहली बात तो पापा गे नही है , और अगर होते तो तू यंहा नही होता-मैने कहा |

'तू भी तो वंही से आया है'-दीपू बोला |

' बता क्या रहा है , मुझे भी पता है चूतिये'-मैने कहा |

' मेरे बाप , तुझे जो करना है वो कर लेकिन मेरा दिमाग खराब मत कर,'-दीपू बोला |

' ये हुई ना बात , गाड़ी रोक और एक पानी की बोतल ले के आ?'-मैंने कहा |

' पैसे नहीं है मेरे पास , पीछे रखी होगी बोतल'-उसने कहा |

' गर्म है बोतल में, लेकिन तू तो ये बता की कंडोम खरीदने के लिये पैसा कंहा से लाता है'-मैंने कहा |

'तुझे कैसे पता ?'-दीपू ने पूछा |

' डॉक्टर है भाई तू , तू ही उपयोग नही करेगा तो कौन करेगा'- मैने कहा |

' चूतिये , डरा दिया'-दीपू ने कहा |

' लगता है सबूत देना ही पड़ेगा तुझे , वरना तू पानी नही लायेगा,'-मैने कहा |

' ला रहा हूँ ,लेकिन गाड़ी से नीचे मत उतरना'- दीपू ने कहा |

शुक्रिया मेरे भाई ,और हमारा तो भगवान से इतना ही दुआ है की तुम्हे दो बच्चों की माँ मिले |

'चुप साले,'-दीपू बोला |

' ये बात सही है क्या की ऑपरेशन करते-करते डॉक्टर लोगों का अंदर का जिज्ञासा खत्म हो जाता है?'-मैने पूछा |

' जैसी तू हरकतें करता है ना आजकल उससे तो अच्छा होता की तू जन्म लेते ही मर जाता , घर की इज्जत तो वैसे भी तूने मिट्टी में मिला दी'- दीपू ने कहा |

'अगर मेरे प्यार करने से घर का इज्जत खराब होता है तो होने दे , और मेरे मूत पीने से तुझे दिक्कत है तो मुझे यंही पर उतार दे, जब तक उसका शादी नही होगा तब तक तो मैं मांग के खा लूँगा और उसके बाद जीने का मुझे भी शोक नही है'-मैने कहा |

' देख तेरी दुनिया साधारण आदमी को तो समझ आती नहीं है,पता नही कौनसी कल्पनाओं में खोया रहता है, इसलिए अच्छा होगा की तू चुप ही रह, मेरा दिमाग वैसे भी गर्म है,'-दीपू ने कहा |

' मैं क्या करूँ गर्म है तो ,मुझे क्यूँ सुना रहा है, वैसे भाई है इसलिए एक बात बताऊँ ,थोड़ी देर बाद गपागप आएगा , चाहे तो जा सकता है'-मैंने कहा |

' बोला ना चुप रह, समझ में नही आता है एक बार में, और तू मेरी छोड़ मुझे तो मिलती है, गपागप तेरे जैसे हवसी लोगो को जरूरी है, जो प्यार में खोये रहते है'-दीपू ने कहा |

' सुन चूतिये ,अगर हवसी होता तो अभी तक तू अंकल बन गया होता , लेकिन मैं भी पागल किसको बोल रहा हूँ जो कभी प्यार-वार समझेगा ही नहीं' |

' ऐसा बात नहीं है , मैं उस प्यार को समझता हूँ जिसमे लड़का और लड़की एक दुसरे को बहुत प्यार करते है ,लेकिन तेरा जैसा कहानी तो कभी सुना ही नहीं'-दीपू बोला |

' छोड़ इन सब बातों को यार, तू तो A.C चला गर्मी लग रहा है'-मैंने कहा |

' A.C खराब हो गयी '-दीपू ने कहा |

' चल मेरी वाली शीट को हल्का सा नीचे कर दे ताकि मैं सो जाऊं,'-मैंने कहा |

' पीछे जाकर सो जा'-उसने कहा |

दीपू इतना नाराज क्यूँ है यार, तुझे पता है की हम बचपन में एक साथ रहते थे तो कितना हँसते थे , याद है जब हम दोनों रसोई से सामान चुराकर , छत पर जाकर खाते थे और फिर कितना हँसते थे एक दुसरे को खाते हुए देखकर, वो भी क्या दिन थे और आज…..मुझसे बात कर यार , वैसे भी इस दुनिया में मेरे साथ चलने को कोई तैयार नहीं है |

' अरे… तू इतनी सी बात पर ही रोने लग गया , कल उसका शादी होगा तब तो मर जायेगा'-दीपू ने कहा |

' वैसे भी मेरे पास रोने के अलावा कुछ बचा नही है , हमसे ज्यादा तो लोग रंडी की इज्जत करते है,'-मैने कहा |

' ऐसा बात नही है , तुझसे प्यार करता हूँ तभी तो सुबह से बिना कुछ खाए तेरे साथ हूँ , लेकिन प्लीज रो मत यार , तू रोते हुए अच्छा नही लगता है, चल तू तो कोई शायरी सुना दे'-उसने कहा |

' नही यार… अब मैं शायरी सुनाने लायक भी नही बचा हूँ,'- मैने कहा |

' देख तूने बचपन से मुझे अभी तक कोई भी चीज के लिये ना नही बोला है, और इसीलिये मुझे मेरे से ज्यादा तेरा फ़िक्र रहता है'- वो बोला |

' चल सुन तो फिर, इरशाद किया है-

" अपनी मोहब्बत से इतनी मोहब्बत करो ,

की जब खुद मोहब्बत भी तुम्हारे मोहब्बत की कहानी पढ़े तो बोले

वाह , क्या मोहब्बत की है बन्दे ने अपनी मोहब्बत से ||".

'वाह…क्या लिखा है लिखने वाले ने'- दीपू बोला |

' सुन ना भाई , अगर तू नाराज ना हो तो एक चीज पूछूँ'-दीपू बोला |

' तू तो जान है यार मेरा , तुझे नही बताऊंगा तो किसको बताऊंगा'- मैने कहा |

' उस दिन इतनी ज्यादा क्यूँ पी ली की 2 दिन तक होश ही नही आया, कुछ बात हो गया था क्या?'-उसने कहा |

'उससे तो बात कंहा होता है उसने तो ब्लॉक कर रखा है , लेकिन 4-5 दिन होते है तो मुझे उसको देखने का मन करता है , इसलिए उसके साथ जो रहती है वो मेरी अच्छी दोस्त है और वो मुझको विडियो कॉल करके उसको दिखाती है, लेकिन उस दिन उसकी दोस्त ने भी फोन नही उठाया तो मुझे लगा की शायद उसे पता चल गया होगा इसलिए उसने उसको भी फोन उठाने से मना कर दिया होगा तो मैं परेशान हो गया , इसलिए मैं ठेके पर गया और वंही पर 4-5 बोतल पी के सो गया, वरना तो मैं ज्यादातर कमरे पर लाकर ही पीता हूँ'-मैने कहा |

' तू बस पीना बंद कर दे यार , बाकि तुझे जो करना है वो कर'-उसने कहा |

' तुम डॉक्टर लोग रट -रट के दिमाग की बत्ती जलाना भूल गये हो'-मैने कहा |

''कैसे?'-उसने पूछा |

'पागल तू समझता नही है ,अगर पीना बंद कर दूंगा ना तो मैं पागल हो जाऊंगा उसके बारे में सोच-सोच के ,कम-से-कम पीने से नींद तो आ जाती है ना,'-मैने कहा |

' धीरे-धीरे आदत पड़ जाएगी , तू कोशिश तो कर'-उसने कहा |

' मैने कोशिश किया था यार ,लेकिन वो दिमाग से निकलती ही नही है ,इसमें मैं क्या करूँ,तू ही बता?'-मैने पूछा |

'तू कोई कंपनी में जॉब करने लग जा , धीरे-धीरे सब ठीक हो जायेगा,'-उसने बोला |

' नही ,जब तक उसका शादी नही होता ,जॉब तो नही करूँगा'-मैने कहा |

' जॉब करने में क्या दिक्कत है यार तुझको'-उसने पूछा |

' मैं उसको मेरे ख्वाबों में पूरा समय देना चाहता हूँ , मैं हर पल उसके बारे में ही सोचना चाहता हूँ ताकि बाद में अफ़सोस ना हो की मैने जॉब की वजह से उसको मेरे ख्वाबों में पूरा समय नही दे पाया था'-मैने कहा |

' iitian होकर भी तू सिर्फ कल्पनाओं में जीता है यार, क्या हो गया है तुझे, ऐसे ही रहेगा तो पागल हो जायेगा,'- उसने बोला |

' पागल समझ या कुछ और लेकिन मैं मेरी जिन्दगी में सिर्फ सच्ची मोहब्बत करना चाहता हूँ ,चाहे वो मुझसे कितनी भी नफरत करे'-मैं बोला |

'कोई मोहब्बत करना तो तुमसे सीखे , ऐसा तो कभी फिल्मों में भी नही देखा'-वो बोला |

' मैं मेरी जिन्दगी को एक उपन्यास समझकर जीता हूँ और उस उपन्यास को ऐसा बनाऊंगा की पूरी दुनिया उसकी दीवानी हो जाएगी'-मैने कहा |

'अच्छा है , हम भी खरीदेंगे ऐसा उपन्यास तो'-उसने कहा |

'तू नहीं खरीदेगा तो कौन खरीदेगा , सुन तेरी तरफ एक ढाबा आएगा, उस पर रोकना चाय पीयेंगे'-मैने कहा |

' हाँ ,मुझे भी कुछ खाना है ,सुबह से कुछ नही खाया तेरे चक्कर में,'-उसने कहा |

' मैं आ रहा हूँ टॉयलेट करके , तब तक तू दो कुर्सी बाहर ले आ, बाहर बैठेंगे'-मैं बोला |

'भैया ताजा चाय बनाना , और साथ में दो बिस्कुट भी देना'- दीपू बोला |

'चाय बोल दिया दीपू'-मैने पूछा |

'हाँ बोल दिया , इधर आ जा'-उसने कहा |

'मम्मी का पता है ना तुझे?'-दीपू ने पूछा |

' हाँ यार , इसीलिए तो मैं चाहता हूँ की मैं कुछ दिन मम्मी के पास रहूँ ताकि मम्मी को भी समय पर दवाई दे दूँगा और घर पर रहूँगा तो मेरा पीना भी कम हो जायेगा'-मैने कहा |

' वो तो ठीक है तेरा बात ,लेकिन तू समझता नही है यार ,कल समाज में लोग बोलेंगे की iit में पढकर भी घर बैठा है और अगर गलती से तूने पी लिया ना बेटे तो पापा का समाज में बोलना मुश्किल हो जायेगा, क्यूंकि पूरा समाज जानता है की पापा पीने वाले से कितना नफरत करते है और कल उनका बेटा ही पीने लगे तो समाज वाले क्या बोलेंगे ,वो तू समझता है,'- दीपू ने कहा |

'बात तो सही बोल रहा है यार तू , तू ही बता क्या करूँ?'-मैने पूछा |

' तुझे पता है ना की मम्मी तुझसे कितना प्यार करती है , जब मुझसे बात करेगी तब भी पहले ये ही पूछेगी-"राहुल से बात किया , कैसा है वो?". मम्मी सिर्फ तेरे सुख के लिये जीती है साले, लेकिन तू नहीं समझेगा कभी..'-दीपू ने कहा |

' चुप हरामी...रुलाएगा क्या'-मैने कहा |

चल तू तो चाय पी, घर चलते है फिर वंही पापा बोलेंगे वैसा कर लेना, हाँ लेकिन पापा के सामने हिसाब से वास्तविक जिन्दगी में रहकर बात करना-दीपू ने कहा |

' कोशिश तो करूँगा पूरी यार , बस पापा उसके बारे में कुछ गलत ना बोल दे'-मैने कहा |

' कुछ बोल भी दे तो सुन लेना, पापा भी तेरी ख़ुशी ही तो चाहते है'-दीपू ने कहा |

' वो मैं समझता हूँ, लेकिन कभी-कभी गुस्से पर कंट्रोल नहीं हो पाता है यार'-मैने कहा |

' चल जल्दी से , पापा को भी एअरपोर्ट से लाना है'-दीपू ने कहा |

' ठीक है बस एक चाय और पी लूँ यार ,फिर चलते है'-मैने कहा |

' मैं पीछे वाली शीट पर सो रहा हूँ , और थोड़ा जल्दी चलाना ,तू बहुत धीरे चलाता है यार'-मैने कहा |

'ठीक है बाबा , लेकिन ये तो बता दे की सोने के बहाने उसके बारे में सोचेगा या वास्तवं में सो रहा है'- दीपू बोला |

' वो तू समझ गया होगा पहले ही,'-मैने कहा , और पीछे जाकर सो गया |

' अरे दीपू मेरे बारे मैं मम्मी को भी पता चल गया क्या?' |

' नहीं पागल कुत्ते ने नहीं काटा है मुझे, लेकिन शायद पापा की वजह से उनको थोड़ा बहुत भनक लग गया था , और सुन मम्मी को तू मत बता देना सच बोलने के चक्कर में'-दीपू बोला |

' जब तक मम्मी का सपना पूरा ना करूँ तब तक नहीं बताऊंगा , उसके बाद सब-कुछ सच बता दूंगा'-मैने कहा|