गु मियां लू मिंग को दूर धक्का देना चाहती थी , लेकिन उसने गु मियां को थोड़ा ज़्यादा कस के अपनी बाहों में जकड़ रखा था। वो उसको बिल्कुल भी धक्का नहीं दे सकती थी !
जब गु मियां ने तांग जुई को दूर खड़े देखा , वो बेहद सदमे में थी , जैसे कि वह बिजली की चपेट में आ गई थी। यहां तक कि उसने अपनी सांस को भी रोक लिया । उसने सच में उम्मीद नहीं की वो तांग जुई को यहाँ देखेगी।
मियां मियां , मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं. मैने हमेशा तुमसे प्यार किया था। और मैं जानता हूँ कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो !" लू मिंग काफी भावुक हो गया था। उसने गु मियां को और भी कस के जकड़ लिया।
तांग जुई ने अचनाक से उस आदमी को दूर कर दिया। तांग जुई ने लू मिंग को उसकी मुट्ठी से पकड़ा और ज़मीन पर धक्का दिया। लू मिंग बिल्कुल भी सचेत और सतर्क नहीं था। जब वो मिट्टी पर गिरा , तांग जुई तुरंत ही उसके ऊपर बैठ गया और उसके चेहरे पर मुक्के मारने शरू कर दिए। लू मिंग ने तांग जुई के मुक्को से बचने के लिए जल्दी से अपने हाथो को सर के पीछे कर लिया ।
"उसको मारना बंद करो। तांग जुई , उठो। कोई गलतफ़हमी हो गई होगी। हमारे बीच में ऐसा कुछ नहीं है। " गु मियां जल्दी से आगे बढ़ी और तांग जुई को लू मिंग से हटाना चाहती थी।
गु मियां ने उसको रोकने की कोशिश की , उसके बीच में पड़ने से हालत और भी खराब हो गए और तांग जुई को ज़्यादा नाराज कर दिया। तांग जुई ने सोचा कि गु मियां लू मिंग को बचा रही थी , वो कमीना जिसके कारण उसकी माँ की मौत हुई थी!
"दफा हो !" तांग जुई ने गुस्से में उसके हाथ को दूर किया और गु मियां को फेंका।
गु मियां रेत पर गिर गई।
"मियां मियां !तांग जुई , मेरे पास आओ अगर तुम्हे मुझसे कोई मसला है। मियां मियां पर अपना गुस्सा मत नकालो !' लू मिंग ने भड़कते हुए उसे घूरा।
"मियां मियां? तुम उसको उसके मुँह बोले नाम से पुकारते हो , फिर भी गु मियां की यह बताने की हिम्मत कि तुम्हारे बीच में कुछ नहीं है !" तांग जुई ने लू मिंग के गर्दन के चारो ओर अपने हाथ को कस दिया । वह इतनी बुरी तरह से उसे मौत के घाट उतारना चाहता था।
"मैं मियां मियां से प्यार करता हूँ ! तांग जुई , अगर तुम उससे प्यार नहीं करते हो , तो उसे और मुझे अकेला छोड़ दो !" लू मिंग ने कहा जब तांग जुई उसको घूर रहा था।
"तुम्हारी कोई मरने से पहले आखिरी इच्छा है !" तांग जुई ने अपनी पकड़ को गुस्से से कस लिया। उसकी आंखे क्रोध से लाल थी , जैसे कि उसकी आँखों से खून किसी भी समय बाहर आ जायेगा।
लू मिंग की साँसे कमजोर पड़ रही थी। उसने अपने ऊपर बैठे भड़के हुए आदमी को घुरा। वह बहुत स्पष्ट रूप से तांग ज़ुई की पकड़ में अपनी गर्दन की हड्डी टूटते हुए सुन सकता था। उसका चेहरा लाल और बैंगनी हो गया ...
जब गु मियां मुड़ी , तो उसने देखा कि क्या हो रहा था - तांग जुई के आवेश में लू मिंग का दम घुट रहा था। लू मिंग का चेहरा पीला पड़ गया जब तांग जुई ने उसको लात मारी और फिर कुछ समय के बाद शांत हो गया....
गु मियां का उस समय दिमाग पूरी तरह से चकरा गया था। उस पल केवल उसके दिमाग में एक ही विचार था। ' मुझे तांग जुई को लू मिंग को मारने से रोकना चाहिए !'
इसलिए ,उसने एक पत्थर लिया और तांग जुई को तिलमिला के मारा। तांग जुई को उसके सर में एक तेज़ दर्द महसूस हुआ। उसने एकाएक तांग मिंग की गर्दन को छोड़ दिया। तांग जुई ने अपने हाथ को उठा कर अपने सर के पीछे छुआ और देखा कि उसका हाथ खून से भरा हुआ था।
गु मियां इतनी डर गई कि उसने अपने हाथ से पत्थर को नीचे गिरा दिया....
गु मियां अपना सर हिलाती रही। " मेरा यह मतलब नहीं था। मैं किसी को मरता हुआ नहीं देख सकती थी। मैं किसी को मरने नहीं दे सकती !"
लू मिंग ने अपनी गर्दन को पकड़ा जैसे उसे जोर से खांसी हुई। उसे अपने गले में एक जलता हुआ दर्द महसूस हुआ। उसकी नज़रे गु मियां पर टिकी रही , जो बेहद डरी हुई दिख रही थी , और उसके दिल में पीड़ा का अहसास हुआ। उसने तांग जुई को मारा था केवल लू मिंग को बचाने के लिए।
"तुम उससे इतना प्यार करती हो , कि तुमने अपने पति को मारने की कोशिश की ?" तांग जुई अचनाक से हसने लगा , लेकिन उसकी यह मुस्कराहट में थोड़ी उदासी थी।
गु मियां ने अपने सर को हिलाया। ' ऐसा नहीं है। मैं नहीं चाहती हूँ कि कोई मर जाये। मैं बिल्कुल नहीं सोच रही थी ... '
लेकिन जब उसने तांग जुई के चेहरे के भाव को देखा , वो कुछ न कह सकी। यह ऐसा था जैसे उसका गला रुई के गोलों से भर गया हो।
तांग जुई अचनाक से खड़ा हुआ और अपनी बेल्ट को बाहर निकाला लू मिंग को बांधने के लिए जिसमे थोड़ी से भी ताक़त नहीं बची थी। गु मियां को अचानक चीजों के बारे में एक अशुभ अहसास हुआ । उसने लू मिंग पर बुरी तरह से नज़र डाली और उत्सुकता से पीछे की ओर ठोकर खाई ...
तांग जुई अचनाक से गु मियां को ओर चलने लगा और अपने बगल में पड़े पत्थर पर नीचे गिरा दिया। गु मियां ने अपनी पूरी ताक़त से उसे धक्का देने की कोशिश की। " तांग जुई , मुझे जाने दो। तुम क्या करने की कोशिश कर रहे हो ?"