" सु कियानक्सुन, क्या तुम पागल हो ? तुम किसी बाहरवाले के साथ मिल कर अपनी ही छोटी बहन को कैसे डरा धमका सकती हो !"
"चुप रहो !मेरा उसके जैसे किसी व्यक्ति का साथ कोई संबंध नहीं है !मियां मियां , चलो चले। " सु कियानक्सुन ने गु मियां को हाथ से पकड़ा , घुमाया और चली गई ।
"सु कियानक्सुन!" जिया चक्सी ने उसके चेहरे पर एक अंहकारी और अजीब से नज़रो को देखा। वो वास्तव में गुस्सा हो गया था , इतना कि उसे महसूस हुआ कि वो इसी समय फट जायेगा।
"भाई चक्सी , बेहद दर्द हो रहा था। जल्दी , मुझे हस्पताल ले चलो। डॉक्टर जब मेरे जख्म की जांच कर लेंगे , मैं उन सब पर मुकदमा करूंगी मुझ पर हमला करने के लिए !"
जब किआओ येरन ने देखा कि जिया चक्सी सु कियानक्सुन को घूर रहा था , किआओ येरन ने जिया चक्सी को जबरदस्ती खींचा लिया ।
जिया चक्सी नहीं जनता था कि क्यों , लेकिन हर बार जब भी वो देखता था कि जिस तरह सु कियानक्सुन अपनी गलतियों को मानने से इंकार करती थी , वह इतनी बुरी तरह से उससे माफ़ी मंगवाना और जबकि आँसुओं में भी क्षमा मांगने की भीख मांगवना चाहता रहा था !
"चलो चलें । मैं तुम्हे अस्पताल तक ले जाता हूँ। " भल ही जिया चक्सी गुस्से में था , किआओ येरन को अभी अस्पताल ले जाने के अलावा कुछ नहीं कर सकता था।
जब वो दोनों कार में बैठ गए , किआओ येरन को बेहद घिनौना लग रहा था। हालांकि , यह उसके जख्म के कारण नहीं था। सच तो यह था कि उसे ज़्यादा चोट नहीं आई थी। उसे लॉन्ग सिजु के बारे में सोच कर कामोत्तेजना का अहसास हुआ। वो चाहती थी कि यह आदमी उसको अभी पागलो की तरह प्यार करे।
वो अचनाक से रोने लगी। जिया चक्सी ने अपने भौहो को ऊपर उठाया , उसकी ओर मुड़ा और पूछा ," क्या हुआ ?"
"चक्सी , क्या तुम खींच कर मेरे जख्म को को देख सकते हो ?" किआओ येरन ने अपने बगल में खड़े आदमी को आँसू से भरी आँखों से देखा।
ज़िया चक्सी ने खींचा और उसके घाव को देखने ही वाला था जब किआओ येरन ने अचनाक से अपनी स्कर्ट को ऊपर उठा लिया। उसने जिया के हाथ को अपने सीने तक ले गई और अपनी छाती को उसके हाथो से सहलाया।
"येरन , तुम क्या कर...."
"चक्सी , मेरी कामवासना जाग रही है..... ," किआओ येरन ने कहा और जल्दी से उसके ऊपर चढ़ गई।
जिया चक्सी अपनी इच्छा को रोक नहीं सका और तुरंत उसके साथ लग गया। जैसे वो आपस में प्यार करने लगे तो कार जोर जोर से हिलने लगी। किआओ येरन ने अपनी आंखे बंद कर ली। वो केवल लॉन्ग सिजु के खूबसूरत चेहरे के बारे में सोच रही थी जो कि ऐसा लग रहा था कि यह प्रकृति के अजूबों से तराशा हुआ था ...
…..
लॉन्ग सिजु ने सु कियानक्सुनको कैंपस के सामने नहीं उतारा लेकिन जंक्शन पर एक ब्लॉक दूर उतारा , इसलिए कियानक्सुन और गु मिया घूमी और ओर चलने लगी।
हालाँकि दोनों महिलाएँ थोड़ी घायल थीं, वो दोनों बेहद खुश थी क्योकि उन्होंने उस कमीनी , किआओ येरन को सबक सिखाने के लिए टीम बनाई थी। वे कैंपस के रास्ते पर बातें करते और मुस्कराते हुई चल रही थी।
वो दोनों सीधा चल रही थी जब उन्होंने सड़क के किनारे कार के बगल में दो लोगों को चूमते हुए देखा। सु कियानक्सुन ने उस महिला को पहचान लिया था , वो बाई वेइमी थी। इस तरहके हालातों में कियानक्सुन,केवल यह दिखा सकती थी कि उसने कुछ नहीं देखा था।
बाई वेइमी को उम्मीद नहीं थी कि सु कियानक्सुन और गु मियां वहाँ आ जायेगे। बिना एक बार और सोचे बाई वेइमी ने अपने को बढ़ा कर उस आदमी के गले के आर पार कर लिया और अपने सहपाठी के साथ बात करना शरू कर दिया। " कियानक्सुन , क्या संजोग है। तुम भी कैंपस में हो। "
सु कियानक्सुन और गु मियां कुछ देर के लिए रस्ते में रुक गई। सु कियानक्सुन जोर से मुस्करायी ," जी हाँ , क्या संजोग है। "
" तुम्हारे चेहरे को क्या हुआ है ?" बाई वेइमी ने सु कियानक्सुन के चेहरे पर एक छोटी से खरोंच देखी।
"यह कुछ नहीं। मैने गलती से खुद से खरोच लिया था। " भले ही सु कियानक्सुन ने किआओ येरन की हरकतों और व्यवहार का तिरस्कार किया था , वह दूसरों के बारे में बात करने के लिए खुद से रूखी और बेअदब भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकती थी।
जब वो दोनों महिलाये बाते कर रही थी , बाई वेइमी का प्रेमी हैरान नज़रो से सु कियानक्सुन को घूरने लगा। ' यह युवती कितनी खूबसूरत है और मासूम दिखती है। यह एक ललचाने वाली परी जैसे है। '
गु मियां भी खूबसूरत महिला है , लेकिन वो अति उत्तम रचना नहीं है। आदमियों को ज़्यादा तर पहली नज़र में गु मियां आकर्षिक नहीं लगती है। इसलिए , जब भी गु मियां और सू कियानक्सुन एक साथ खड़े होते , तो पुरुष का ध्यान पहले सु क़ियानक्सुन पर जरूर जाता था।
" मीमी ,यह कौन है ?" ज़ू रुई ने अचंभे से सु कियानक्सुन को देखा और उसकी आँखों में प्रशसा झलक रही थी।