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Chapter 302 - मुझे डर है कि तुम्हें फिर से बुरे सपने आएंगे

सु जीए रस्ते में ही रुक गया और उसने सु कियानक्सुन के हाथों पर अपनी पकड़ को मजबूत किया। 

आंटी झांग मुस्करायी और कहा ," युवा मिस्ट्रेस , युवा मास्टर तुम्हे उस बैडरूम में ले जाने के बारे में सोच रहा है ताकि जब तुम सो जाओ तो वो तुम्हारे साथ लेट जाये। वो चिंतित था कि तुम्हे फिर से बुरे सपने आएंगे। 

जब कियानक्सुन ने सु जीए को देखा तो उसे उसके लिए दुख हुआ। उसने भी खुद को शांत करने की उम्मीद की। हालांकि , जब उसने उस आदमी के बारे में सोचा, जिसे उसने पर्दे के पीछे धकेल दिया था, तो वह अपने कमरे में लौटने की जल्दी में थी। वो वास्तव में चिंतित थी कि युवा मास्टर क्रोधित हो जायेगा और उसी समय सामने आ जायेगा। ऐसा होना मुमकिन था। 

"जीए , तुम पहले अपने बिस्तर पर जाओ। मुझे अब बुरे सपने नहीं आएंगे। चलो , मेरी बात सुनो और अच्छे बच्चे बनो। " सु कियानक्सुन ने आंटी झांग को देखा। 

जब आंटी झांग ने यह देखा , वो तुरंत ही आगे बढ़ी और कहा , "युवा मास्टर , मैं तुम्हे तुम्हारे कमरे तक छोड़ आती हूँ। " 

सु जीए ज़िद्दी बना रहा और सु कियानक्सुन का हाथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। 

""जोरदार दस्तक हुई !" सु कियानक्सुन के कमरे से तेज़ आवाज़ आने लगी। आंटी झांग तुरंत ही जा कर देखना चाहती थी कि क्या हो रहा था। सु कियानक्सुन ने जल्दी से भाई के हाथ को दूर किया और जितनी जल्दी हो सके अपने कमरे में वापस चली गई।

कियानक्सुन ने दरवाज़े को बंद किया। जैसे की उम्मीद थी लॉन्ग सिजु फिर से बिस्तर पर लेटा हुआ था। जाहिर था कि लॉन्ग सिजु अपना धैर्य खो रहा था !" युवा मिस्ट्रेस ?" 

"आगे बढो और बिस्तर पर वापिस जाओ। मैं भी सोने जा रही हूँ। बहुत जल्द शाम होने वाली है और मुझे जा कर पैसे देने की जरूरत है ," सु कियानक्सुन ने व्याकुल हो कर कहा। 

सु कियानक्सुन ने आंटी झांग को सु जीए को वापिस कमरे में जाने के लिए समझाते हुए सुना। उसने फिर सतर्कता से घूम कर दरवाजा बंद कर दिया।

"इधर आओ !"लॉन्ग सिजु ने कियानक्सुन की दिशा की ओर हाथ बढ़ाया। उसकी आँखों में एक खतरा झलक रहा था। 

सु कियानक्सुन ने दरवाज़े के खुलने और बंद की आवाज को सुना और जानती थी कि उसका छोटा भाई अपने बिस्तर पर वापिस चला गया था। केवल तभी उसे थोड़ा राहत महसूस हुई। वो बिस्तर पर लेटे उस आदमी की ओर चलने लगी। 

जैसे ही वह पलंग के कोने तक पहुंची , लॉन्ग सिजु ने उसे सीधे अपने बिस्तर पर खींच लिया। उसने कियानक्सुन को घूर के देखा। . उसके देखने से सु कियानक्सुन को बेहद घबराहट होने लगी। उसने व्याकुल हो कर घूँट भरा और पूछा ," क्या... क्या ?"

"तुम अभी भी अपने छोटे भाई के साथ सोती हो ?" लॉन्ग सिजु की नज़रे और भी गंभीर हो गई और उसकी आँखे बेहद ही भयंकर दिख रही थी। 

" मेरे भाई को औटिस्म है। कभी कभी , वो मुझे अपने साथ सोने को कहता है। " 

सु कियानक्सुन ने पलके झपकाई जब उसने ईमानदारी से यह जवाब दिया , ऐसा कुछ गंभीर नहीं था। 

" उसके साथ अब भविष्य में मत सोना !" सिजु ने उसकी ठुड्डी पर चुटकी मारी और अनुरोध किया। 

"क्यों ? वो मेरा छोटा भाई है !" सु कियानक्सुन को महसूस हुआ कि लॉन्ग सिजु उसके लिएकुछ ज़्यादा ही सख्ती दिखा रहा था और इस बात से थोड़ा नाखुश था। 

"वो अब पुरुष हो गया है !वह वो सब कुछ करने में सक्षम है जो एक पुरुष करने में सक्षम हैं! "

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