" मैं भूखा हूँ , लेकिन मैं पहले तुमको खाना चाहता हूँ !" लॉन्ग सिजु धीमे से बड़े से हाथ को उसकी कमर तक ले गया।
"तुम -तुम्हारा - तुम्हारा हाथ अभी भी घायल है। डॉक्टर ने कहा था कि ज़्यादा हिलने से यह घाव और भी खराब हो सकता है !"
लॉन्ग ने युवती के छोटे से चेहरे को देखा और हांफने लगा।
"मुझे मेरे हाथ को हिलाने की जरूरत नहीं है। तुम जानती हो। " लॉन्ग सिजु की साँसे तेज़ होने लगी। यह छोटी सी प्राणी उसके लिए दवा की तरह थी। एक बार जब वो उसको छू लेता था , तो उसको उसकी पूरी तरह आदत लग जाती थी। वह इतनी बुरी तरह से चाहता था, हर छोटा पल बिताने के लिए उसके छोटे शरीर को पकड़कर उससे प्यार करना।
"मुझे.... मुझे नहीं पता। क्या तुम पहले मुझे जाने दे सकते हो , ताकि मैं जाऊं और नाश्ता तैयार करूँ ? सु क़ियानक्सुन ने घबराकर थूक निगली । वह इतनी डरी हुई थी कि उसने बिल्कुल भी हिलने की हिम्मत नहीं की।
हालांकि....यह तो साफ़ साफ़ मुमकिन नहीं था। लॉन्ग सिजु मुड़ा और उसने अपने शरीर के ऊपर के हिस्से से उसको पकड़ लिया।
कियानक्सुन ने एक रात पहले ही उसके घाव का इलाज किया था। उसका हाथ आज बेहतर हो गया था और वो आखिरकार अपने हाथ को अच्छे से चारों ओर घुमा सकता था।
लॉन्ग ने उसको अपने नीचे दबाया और उसको पागलों की तरह प्यार करने लगा।
...
अस्पताल में
जब गु मियां सो कर उठी , उसको कुछ वक़्त लगा यह जानने में कि वो कहाँ पर थी। शरीर के जिन हिस्सों पर चोट लगी थी , वो अभी भी दर्द कर रहे थे। उसने खुद को बैठने के लिए मजबूर किया, बिस्तर से निकल कर बाहर जाने की तैयारी की।
"मिस गु, भले ही तुम्हे हड्डी में चोट नहीं आई है , तुम्हारा घाव फिर भी काफी बढ़ा है। तुम्हारे लिए अच्छा होगा कि तुम अस्पताल में रहो , ताकि मैं तुम्हारे तबियत में कितना सुधार आया है उसकी जाँच कर सकूँ ," डॉक्टर ने चिंतित हो कर कहा।
"इसकी इतनी जरूरत नहीं है। मैं बिल्कुल ठीक हूँ। " गु मियां अपने बिस्तर से उठी। उसने अपने सर को नीचे किया और देखा कि उसकी शर्ट पर खून लगा हुआ था।
उसका माथा जख्मी हो गया था, लेकिन नर्सों ने उसके घाव को पहले ही मरहम पट्टी कर दी थी।
"रुको...क्या मैं तुम्हारे परिवार वालो से बात करूँ और उनको कहूँ कि यहाँ आ जाये ?" यह देखते हुए कि वो अकेली थी , डॉक्टर को उसकी चिंता हो रही थी।
"कोई बात नहीं। मैं खुद से घर जा सकती हूँ " गु मियां ने डॉक्टर की मेहरबानी के लिए धन्यवाद किया। उसने खुद से जोर लगा कर बिस्तर से बाहर निकली और आपातकालीन कमरे से बाहर चली गयी।
तांग जुई को यह समझ नहीं आ रहा था कि वो अस्पताल में बार बार क्यों आ रहा था। उसने खुद को यह समझाने की कोशिश कि वो यहाँ पर लॉन्ग सिजु से मिलना आया है ना कि गु मियां से। सच तो यह है कि चाहे वो महिला मर गई या जिन्दा है , उसे उसकी ज्यादा परवाह नहीं थी.
जब गु मियां अस्पताल की इमारत से बाहर आई और कैब का इंतज़ार कर रही थी , उसे अचानक से चक्कर महसूस हुए और उसकी आँखों के सामने अँधेरा छा गया।
मजबूत हाथों ने उसे संभाल लिया। उसने अपना सर उठाया और तांग जुई का चेहरा देखा। उसकी भौहे हलकी से सिकुड़ गयी.
गु मियां उसे तुरंत ही दूर करना चाहती थी , लेकिन उसमे ऐसा करने की बिल्कुल भी ताक़त नहीं थी। जब गु मियां ने उसे धक्का देने की कोशिश कि वो जरा सा भी नहीं हिला।
"तुम यहाँ क्या कर रही हो ?" तांग जुई ने ध्यान दिया कि वो बहुत कमजोर हो गई थी और ऐसा लग रहा था कि वह बेहोश होने वाली है। उसने धीरे-धीरे अपनी भौंहें टेढ़ी कर लीं।
"मैं घर जा रही हूं। मैं कैब का इंतजार कर रही हूँ , " गु मियां ने सपाट से जवाब दिया।
"परिवार का नौकर कहा है ?" तांग जुई ने उसका पीला ढलता हुआ चेहरा देखा और बिना किसी कारण गुस्सा हो गया।
गु मियां ने अपना सर हिलाया। जब वो सो कर उठी उठी , उसने खुद को वार्ड में अकेला पाया। उसे नौकर भी नहीं दिखा।
"युवा मास्टर , तुम यहाँ क्यों आये हो ?"
इसी बीच , जिस सेवक को तांग जुई ने काम पर रखा था आराम से उनकी ओर टहलता आ रहा था। तांग के परिवार के सारे नौकर यह जानते थे कि उनका युवा मास्टर उसकी युवा मालकिन की ज्यादा परवाह नहीं करता था।
मामूल होता था , अपनी शादी के बाद पहली रात को, युवा मास्टर कुछ अंगरक्षकों के साथ लाया था युवा मालकिन के साथ सोने के लिए।
इसलिए , वहाँ कोई ऐसा रास्ता नहीं था कि वो वास्तव में युवा मालकिन के साथ अस्पताल में एक साथ रात बिताएगा।
जब तांग जुई ने नौकर के चेहरे पर उदास नज़रे देखी , उसको गुस्सा आ गया। उसने अचानक से गु मियां को छोड़ कर , नौकर पर धावा बोल दिया और उसे ज़मीन पर लात मार कर गिरा दिया।
"क्या मैने तुम्हे इसलिए रखा है कि तुम अपना काम लापरवाही से करो ? यहाँ से निकल जाओ बेवफूफ !मुझे फिर से कभी दिखाई मत देना !"
भले ही वो गु मियां ने नफरत करता था , वह किसी नौकर को उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं करने देता।
तांग जुई इतना पागल हो रहा था कि उसका सर फटने वाला था !
गु मियां के के पास अपनी ही बहुत परेशानियाँ थी। उसके पास अन्य लोगों के व्यवसाय में दखल देने का समय नहीं था। एक कैब आखिरकर उसके सामने आ कर रुकी। वह लड़खड़ा गई, कार का दरवाजा खोला और वाहन में सवार हो गई।
इससे पहले कि वो कार का दरवाज़ा बंद करती , एक बड़े हाथ ने उसको रोक दिया। तांग जुई ने उसके हाथ को पकड़ा और जोरदार तरीके से उसको कार से बाहर निकाला। गु मियां अभी भी अपने जख्मों से उभर रही थी। वो तभी जमीन पर गिर गई।