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Chapter 174 - आपको यहाँ आने की अनुमति किसने दी?

कुछ लोग सुंदरता के साथ पैदा होते है। दूसरों के लिए उससे बेहतर बनाना मुश्किल होता चाहे वे कितनी भी कोशिश कर लें।लॉन्ग सिजु से दूर होने के बावजूद , जिसने एक अच्छे से इस्त्री हुए सूट को पहना हुआ था , वो उसके महक की शक्ति को महसूस कर सकती थी। लॉन्ग सिजु की नज़रे एक राजा की तरह आत्म विश्वासी और अभिमानी थी। सोते हुए चीते की तरह लॉन्ग सिजु अत्यधिक आकर्षिक और खूबसूरत था , मगर एक शकितशाली मजबूती उसके संतुलित आकर के नीचे छुपी हुई थी। 

लॉन्ग सिजु की मंगेतर , लैन किंगचेंग उसके बगल में खड़ी थी। उसने लम्बा से रेशमी गाउन पहना हुआ जिसका रंग गहरा नीला था। वी आकर का गले का गाउन उसके आकर्षक सीना को दिखा रहा था। उसके गहने, जिसकी कीमत लाखो में थी , साथ ही उसके चेहरे पर उत्तम मेकअप ने उसे ऊपर से नीचे तक चमका दिया था। वह अंदर से बाहर की तरह चमकते हुए सितारे की तरह चमक रही थी। 

जब वो लॉन्ग सिजु के बगल में खड़ी हुई , दोनो रोमियो और जूलिएट की तरह दिख रहे थे। वो दोनों वास्तव में एक दूसरे के लिए बने थे। 

किसी कारण , सु कियानक्सुन ने उनको देखते ही सीने में दर्द को महसूस किया। एक अस्पष्ट और अपरिचित भावना ने उसे उलझा दिया। वह समझ नहीं पा रही थी कि उसने उसे वहाँ आने के लिए क्यों कहा था, इस अवसर और यह जानते हुए कि उसकी मंगेतर भी मौजूद थी।

लॉन्ग सिजु ने उसे देख लिया था। जैसे ही उनकी आंखे गलती से मिली , लॉन्ग सिजु ने अपने भौहो को हलके से ऊपर उठाया। उसकी तेज़ काली आँखों में नाराजगी झलक रही थी। 

सु कियानक्सुन की साँसे थम गई। ' क्या वह नहीं था जिसने मुझे आने के लिए कहा था? वह मुझे देखकर अब दुखी क्यों है? '

 लैन किंगचेंग ने भी सु कियानक्सुन को देख लिया था। जब उसने सु कियानक्सुन के फटे पुराने कपड़े देखे, उसकी आँखें उसका मज़ाक उड़ा रही थी। लैन ने आगे बढ़ पहले लॉन्ग सिजु की बाहों को पकड़ा और खुद को परेशां देखते हुए कहा ," एह यह मिस सु है न ? क्या वो भी यहाँ पर दावत में शामिल होने आई है ?" 

तब तक लॉन्ग सिजु ने अपना फ़ोन निकाल लिया था। उसने सु कियानक्सुन को फ़ोन लगाया। 

 लैन किंगचेंग ने मुड़ कर थोड़ी दूरी पर अपनी बहन लैन यिंगयिंग को देखा और उसको इशारा किया। लैन यिंगयिंग को एकाएक मैसेज मिला और वो सु कियानक्सुन के ओर बढ़ी और उसके साथ उसकी दो और करीब सहेलियों को भी खींचा। 

सु कियानक्सुन को देखने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा लोग उसके आस पास जमा हो गए। उसको बहुत ही शार्मिंदगी महसूस हुई। जब उसका फ़ोन बजा , वो चौंक गई। उसने तुरंत ही अपने बैग से फ़ोन निकाला और उठा लिया। 

" हेलो ,लल। .." 

जैसे ही सु कियानक्सुन ने कुछ कहना शुरू किया , लॉन्ग सिजु में बीच उसे रोक कर बड़ी कठोरता से कहा ," तुम्हे यहां आने की इज़ाज़त किसने दी ? इस जगह से तुरंत चली जाओ !" 

सु कियानक्सुन की सांसे थम गई। उसने अपने आस पास अच्छे से तैयार हुए महिलाओं और पुरुषो को देखा जो उसको घूर रहे थे जैसे कि वो एक सर्कस का बंदर हो। फिर उसने थोड़ी दूरी पर खड़े लॉन्ग सिजु को देखा। 

जब उसने उसके चेहरे पर अजीब भाव देखे, तो वो शर्म से घबरा गई . 

वो उसकी आवाज़ में चिड़चिड़ाहट को महसूस कर सकती थी। वो ऐसे प्रतीत हो रहा था जैसे कि उसका स्वागत यहा बिल्कुल भी नहीं किया हो। 'लेकिन सबसे पहले वो ही था जिसने उसे यहाँ आने के लिए कहा था !'

सु कियानक्सुन ने फ़ोन रख दिया , मुड़ी और वहां से जाने ही वाली थी , लेकिन लैन यिंगयिंग और उसके बगल में खड़ी दो युवा महिलाओं ने उसका रास्ता रोक लिया। 

"कियानक्सुन,यह तुम हो सच में। इतना समय हो गया। तुम इतनी जल्दी क्यों जा रही हो ? क्योकि तुम यहाँ आ गई हो , तो हमारे साथ क्यों नहीं घूमती ?"लैन यिंगयिंग ने उसकी हाथ को बड़ी उत्सुकता से पकड़ लिया। 

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