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Chapter 102 - उसका मेरे से कोई लेना देना नहीं है

लॉन्ग सिजु ने उसके सामने खड़े उन दोनों लोगों को उदास हो कर देखा। उसके मजबूत, पतले होठो के बीच सिगरेट थी। उसकी गंभीर , काली आँखों धुएं के पीछे छुप गई थी और बाकि सब लोग नहीं बता सकते थे कि वो क्या सोच रहा था। 

 "वो मेरा प्रेमी नहीं है !" सु कियानक्सुन ने तुरंत समझाया। 

"मिस सु , इसमें शर्मिंदा होने जैसा कुछ नहीं है। हम सब पहले इस हालात से गुजर चुके है। " लैन किंगचेंग ने पलक झपकाकर चालक नज़रो से उसके चेहरे को देखा। 

"वो वास्तव में नहीं है !डॉक्टर मु , कृपा मुझे नीचे उतारो। मैं अब ठीक हूँ , मैं खुद से चल सकती हूँ !" 

सु कियानक्सुनने संघर्ष करके नीचे उतरी। मु बै को भी उसको उठाना उचित नहीं लग रहा था, इसलिए उसने उसे नीचे उतार दिया। 

"डॉक्टर मु , आपने अभी जो भी किया उसके लिए आपका धन्यवाद। मैं पहले चलती हूँ। " 

सु कियानक्सुन को लॉन्ग सिजु की तरफ देखने की हिम्मत नहीं हुई। मु बै का धन्यवाद करने के बाद , वो पलटी और वहां से चली गई। 

मु बाई का दिल कह रहा था कि कियानक्सुन की चिंता और डर उसके सामने खड़े आदमी के कारण है। बिना किसी झिझक के, वो आगे बढ़ा और सु कियानक्सुन का हाथ पकड़ लिया। 

लॉन्ग सिजु की नज़रो में खतरा भड़क रहा था।थोड़े से फासले पर सु कियानक्सुन उसके गुस्से को महसूस कर सकती थी और उसने जल्दी से मु बाई को सरका दिया । 

मु बाई ने अपने भौहे को ऊपर किया और कियानक्सुन को घुरा। " तुम्हारा घाव..."

"मैं ठीक हूँ .." 

सु कियानक्सुन बात ख़तम करने के बाद पलटी और वहां से भाग गयी। ना ही सिर्फ उसे डर था कि लॉन्ग सिजु उसे सज़ा देगा , लेकिन उसे इस बातका भी डर था कि लॉन्ग अपना गुस्सा मु बाई पर निकलेगा। कियानक्सुन मु बाई को फ़साना नहीं चाहती थी। 

जैसे ही सु कियानक्सुन वार्ड में पहुंची ,वो दरवाज़े से झुक कर खड़ी हुई और जोर से कांपने लगी। वो अभी भी बहुत बेचैन महसूस कर रही थी। उसके पीछे वाला दरवाज़ा धक्का देकर खुला और सु कियानक्सुन जल्दी से पलटी। जब उसने देखा कि कौन अंदर चला आ रहा था ,वो जानबूझकर थोड़ा पीछे हो गई। 

हालाँकि उसने थोड़े कदम पीछे ही लिए कि लॉन्ग सिजु ने उसकी हाथ को पकड़ा। लॉन्ग ने उसे बाथरूम में खींच लिया बिना कोई चेहरे पर भाव दिए। 

" युवा मास्टर , वो आदमी मेरे छोटे भाई का इलाज करने वाला चिकित्सक है। उसका मेरे से कोई लेना देना नहीं है!

लॉन्ग सिजु ने उसकी बात को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया। उसने उसका हाथ पकड़ा जिसे मु बाई ने पहले छुआ था और नल के नीचे रखा और नल को चला दिया। 

उसने गर्म पानी चालू कर दिया था।

सु कियानक्सुन को बहुत दर्द हो रहा था। उसने अपने हाथ को वापिस खींचा , लेकिन लॉन्ग सिजु ने उसकी कलाई को मजबूती से पकड़ा ताकि वो वहाँ से हिल ना सके। 

दया के लिए अपने रोने को रोकने के लिए उसने अपने निचले होठ को कांटा। 

लॉन्ग सिजु ने उसके हाथ को जोर लगा के रगड़ा , मनो वो गर्मी को महसूस नहीं कर सकता था। 

थोड़े से अनिश्चित समय के बाद , लॉन्ग सिजु ने उसे छोड़ दिया। सु कियानक्सुन सिर्फ ऐसा महसूस हुआ मानो उसकी हाथ की त्वचा उसके द्वारा धुल गयी हो। 

सु कियानक्सुन ने महसूस हुआ मनो उसका हाथ उसका नहीं था। लॉन्ग सिजु का हाथ भी ज़्यादा बेहतर स्तिथि में नहीं था। 

" अपने कपड़े उतारो !" लॉन्ग सिजु ने थोड़े गुस्से में आदेश दिया। उसकी शर्ट भी मैली थी। 

सु कियानक्सुन का छोटा सा शरीर तेज़ी से कांप रहा था। वो जानती थी कि लॉन्ग के सामने विरोध करने की कोई जगह नहीं थी। कियानक्सुन ने अपने हाथ उठाकर अपने कपड़ो के बटन को एक एक करके खोला। उसके शरीर से उसकी पोशाक फिसल कर नीचे गिर गयी और उसके पैरो के पास ढेर हो गयी। 

लॉन्ग सिजु ने उसके सामने खड़ी तब्बे लगे हुए छोटे से शरीर को देखने के लिए अपनी आँखों को सिकोड़ लिया। कियानक्सुन के शरीर पर जख्म ने वास्तव में उसके शरीर को बेढंगा बना दिया था। यह सब ने उसे आकर्षिक करने के बजाय उसे और उत्सुक कर दिया। लॉन्ग को जोश को और भी ज़्यादा खूँखार बना दिया। 

 लॉन्ग अचानक से उसकी ओर चलने लगा और उसे उठाकर पास के कुण्ड में ले गय उसने अपनी ज़िप को नीचे खींच दिया और उग्रता से उसके अंदर घुस गया। 

सु कियानक्सुन बिलकुल भी रोना नहीं चाहती थी , लेकिन उसके शरीर की पीड़ा से उसका खुद पर काबू नहीं रहा था। उसके आंसू एक खुली हुई मोतियों की माला की तरह नीचे गिर रहे थे। 

उसकी छोटा का शरीर लॉन्ग के नीचे दबा हुआ था और कमजोर पतली टांगे हवा में लटक रही थी। उसकी पतली टखने के चारों ओर, उसके पायल पर छोटे-छोटे बेल-आकार के फूल बिना रुके हिल रहे थे।

…..

जब सु कियानक्सुन सो कर उठी , वो जिन गार्डन में थी। उसका जला हुआ हाथ का उपचार हो गया था और उसे एक रेशमी कपडे से लपेट रखा था। अगले कुछ दिनों तक उसे बार-बार बुखार का अनुभव हुआ। उसके शरीर का तापमान कभी कभी ऊपर और कभी नीचे हो जाता। इन कुछ दिनों के दौरान उनके परिवार के डॉक्टर ने उसका ख्याल रखा। 

सु कियानक्सुन ने अपने मुँह में थर्मामीटर को रखकर अपने सर के ऊपर की जगह को घूरने लगी। उसे वास्तव में यह सोच रही थी कि क्या होगा अगर बच्चे को पैदा करने से पहले उसकी जान चली गई , क्योकि लॉन्ग उसको बेहरमी से तकलीफ दे रहा था। 

. कियानक्सुन का फ़ोन बजा और वो फ़ोन के करीब गई। जब उसने देखा कि किसका नाम फ़ोन की स्क्रीन पर आ रहा था , उसकी नज़रे जल्दी से गुस्से से भर गई। 

वो फ़ोन सु रान का था। 

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