Chapter 96 - उसे बुखार था

अचानक से, सु कियानक्सुन हड़बड़ी में पलंग से नीचे उतरी और बाथरूम की ओर भागी। उसने शावर को चलाया और अपने ऊपर ठंडा पानी डाला। 

फिर भी, यह काफी नहीं था ; यह कभी भी काफी नहीं होगा। उसे महसूस हुआ कि जैसे पानी उसकी मैल को भी साफ़ नहीं कर सकता था। उसने हस्पताल का गाउन उतारा , शावर स्पॉन्ज को लिया और खुद को तेज़ी से रगड़ने लगी। उसकी रूखी त्वचा पर कई तरह के खरोंच दिखाई देने लगे, लेकिन उसे बहुत ही गंदा महसूस कर रही थी। 

सु कियानक्सुन को बहुत देर तक यह नहीं पता चला कि उसका चेहरा गीला पानी से हुआ था या आँसुओं से। वो बस खुद को रगड़ती रही। लेकिन भले ही उसने खुद को तब तक साफ़ किया हो जब तक उसके शरीर की सारी त्वचा छिल नहीं गई थी, वह अपने शरीर के अंदर की गंदगी को कैसे साफ़ करेगी ? 

वह बेहद निराश महसूस कर रही थी , और वो खुद को साफ़ करने के लिए जोर लगाती रही। उसने अपने निजी अंंग को तेज़ी से रगड़ा , लेकिन बात क्या थी ? वो अभी भी साफ़ नहीं हुई थी।सिगरेट पीने के लिए लॉन्ग सिजु बाहर गया और जब वो वापिस आया , उसने देखा कि अस्पताल का बिस्तर खाली था। जब उसने बाथरूम से पानी के चलने की आवाज़ सुनाई दी ,वो बाथरूम की ओर चलने लगा। 

जब उसने दरवाज़े को धक्का दे कर खोला और देखा कि अंदर क्या हो रहा था , उसका दिल बैठ गया। युवा महिला शावर के नीचे बिना कपड़ो के खड़ी थी। उसके पेट पर रेशमी कपडा पहले से उसके खून से लाल हो गया था ,और खून और पानी का मिश्रण उसकी धुंधली बछड़े जैसी त्वचा से नीचे गिर रहा था। वो पागलों की तरह अपने शरीर के सबसे नाज़ुक स्थान को रगड़ रही थी और उसकी असली पीली त्वचा को इतनी जोर से रगड़ा कि वो खरोचों से ढक गयी थी। 

लॉन्ग सिजु जल्दी से उसके ओर चलने लगा और उसे शावर से दूर खीचने की कोशिश की। सु कियानक्सुन उसे धक्का देते हुए रोयी। उसकी काली आँखों में बेबसी थी। " मुझे क्या करना चाहिए ? मैं इसे साफ नहीं कर सकती , मैं इसे साफ नहीं कर सकती !"

जब लॉन्ग सिजु ने देखा कि वह अभी भी खुद को चोट पहुँचा रही थी , जैसे कि वो पागल हो गयी हो ,उसने उसकी कलाई को पकड़ा और उन्हें ऊपर उठाकर दीवार से साथ झुका कर खड़ा कर दिया। " सु कियानक्सुन , तुम फिर से पागल क्यों हो रही हो !?

सु कियानक्सुन ने अपने सामने खड़े आदमी को धुंधला कोहरे से देखा। वो रोई और धीमे से कहा ," गंदी , मैं बहुत गंदी हूँ ...मुझे क्या करना चाहिए ? मैं बहुत ही गंदी हूँ.... " 

जब सु कियानक्सुन रो पड़ी ,तब उसने उसके सामने खड़े हुए आदमी को धुंधली कोहरे से देखा। 

बड़े बड़े आँसू उसकी आँखों से गिरते जा रहे थे। जब लॉन्ग सिजु ने उसके दुखी और निराशजनक चेहरे को देखा , उसने अपनी भौहो को कस लिया। 

"मैं गंदी हूं, मैं बहुत गंदी हूँ , कृपया मुझे खुद को साफ करने दो ..."सु कियानक्सुन ने लॉन्ग सिजु को विनयपूर्वक देखा। उसकी काली आंखे गहरे मायूसी से भरी थी जो , हिरण के बच्चे की तरह शुद्ध थी। 

लॉन्ग सिजु के बाल और शरीर अब तक भीग चुके थे। उसके मजबूत जबड़े से पानी टपक रहा था। उसने उसके सामने खड़ी युवा महिला की ओर देखा , जो हीरे की तरह नाज़ुक थी। उसका चेहरा इतना पीला था कि वो लगभग शीशे की तरह साफ लग रही थी और उसकी कलाई इतनी पतली लग रही थी जैसे किसी किशोरी की हो। उस पल उसे महसूस हुआ कि जैसे वो उसके सामने गायब हो जाएगी। 

लॉन्ग सिजु ने अचानक से अपना सर नीचे किया और उसके समाने वाली युवा महिला को चूमा। 

सु कियानक्सुन ने अपनी आँखे चौड़ी कर ली। उसको विश्वास नहीं रहा था कि क्या हो रहा था। वो पहले से बहुत मैली थी। यह आदमी फिर भी उसे क्यों चूमना चाहता था ? सु कियानक्सुन उसको अपने से दूर करना चाहती थी लेकिन लॉन्ग ने उसे इतना कस के पकड़ा हुआ था वो बिलकुल भी हिल नहीं पा रही थी। 

सु कियानक्सुन के होंठ बहुत ठंडे थे। भले ही सु कियानक्सुन ने कितनी बारी उससे दूर हटने की कोशिश की थी फिर भी लॉन्ग सिजु ने उसे जमकर चूमा और उसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। 

लॉन्ग ने अपनी पकड़ को ढीला किया जब उसे महसूस कि सु कियानक्सुन का शरीर थक गया था। तब वह उसे उठाकर बाथरूम से बाहर ले गया। 

लॉन्ग ने उसे हस्पताल के पलंग पर बिठाया और अपने कपड़े उतारे जो पहले से बहुत नम थे। उसने फिर अपने शरीर के नीचे सु कियानक्सुन को दबाया। 

सु कियानक्सुन का शरीर बेहद ठंडा था, लेकिन लॉन्ग का शरीर बहुत गर्म था। 

लॉन्ग ने उसे कस के गले लगाया और अपने शरीर की गर्मी से उसको सेंक दिया। 

"मैं पहले से ही गंदी हूँ, मैं पहले से ही गंदी हूँ ..." युवा महिला ने बार बार बड़बड़ाया। उसकी आवाज़ में बहुत निराशा थी। 

लॉन्ग सिजु ने सु कियानक्सुन को घुरा। उसकी आँखे कस कर बंद थी और पलके झपक रही थी। लॉन्ग ने उसे और कसकर गले लगा लिया। लॉन्ग के सीने में बहुत ज़्यादा दर्द था। 

डॉक्टर ने सु कियानक्सुन के घाव पर पट्टी बाँधी। चाकू वाला घाव सूज गया था क्योकि उसपर पानी पड़ गया था। रगड़ने कारण बहुत सारे खरोंचे थी उसके शरीर पर और उसकी पीली त्वचा पर बहुत ही भयानक लग रहे थे। 

सु कियानक्सुन का चेहरा भी पीलेपन से चमकदार लाल। उसको बुखार था और उसकी हालत बहुत ख़राब हो गई। उसके शरीर का तापमान तुरंत ही एक सौ से चार डिग्री फ़ारेनहाइट तक पहुँच गया था। 

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