सु कियानक्सुन को वास्तव में पछतावा हुआ। पहले जब उसके दादाजी ने उसे उस चीज़ के बारे में बता रहे थे , तब वो इतनी चंचल थी कि उसने उस चीज़ की जगह पर बिलकुल ध्यान नहीं दिया।उसने केवल अपने दादा को यह कहते हुए याद किया कि यह अध्ययन कक्ष में था।
उसके दादा का अध्ययन कक्ष सौ वर्ग फुट से भी अधिक का था, और अंदर बहुत सारी चीजें थीं। उसे चीज़ ढूंढने में बहुत समय लग जायेगा।
चाहे कुछ भी है ,ऐसा मौका फिर से बड़ी मुश्किल से मिलेगा और उसे चीज़ को ढूढ़ना ही होगा। उसके दादा के लिए बस इतनी महत्वपूर्ण वस्तु को इधर-उधर छोड़ना असंभव था। उन्होंने इसे बेहद गुप्त स्थान पर रखा होगा।
पांच मिनट बाद, सु कियानक्सुन को अचानक चक्कर आने का अहसास हुआ, और वह घुटनों में थोड़ी कमजोर भी थी। 'मेरे साथ क्या हो गया है ?'
"कियानक्सुन, तुम क्या देख रही हो?"
किआओ बोनियन के अचानक से आने से सु कियानक्सुन हैरान हो गई ।
वह अचानक मुड़ गई और थोड़ा पीछे हो गई।
"तुम ... तुम्हें पता था कि मैं यहाँ सब के साथ थी ?" सु कियानक्सुन ने उसे बड़ी उत्सुकता से देखा।
अच्छे बच्चे की तरह अपने पिता को बताओ कि तुम क्या खोज रही हो। ऐसी कौन सी पुरानी चीज़ है जिसे तुम छोड़ गयी थी? किआओ बोनियन धीमे धीमे उसकी ओर बढ़ने लगा।
"पैसा! दादाजी ने मेरे लिए कुछ पैसे पीछे छोड़ दिए!" सु कियानक्सुन मेज़ पर झुक कर खड़ी हो गई। उसके पास थोड़ा सा पीछे होने की जगह भी नहीं बची थी।
बेशक से सु कियानक्सुन के लिए इतना आसान नहीं था किआओ बोनियन जैसे चालाक आदमी को धोखा देना।
"तुम मुझे बताना नहीं चाहती ? ठीक है! मेरे पास तुम्हारे से बात बाहर निकालने के और बहुत तरीके है !"
किआओ बोनियन ने अपने हाथ को आगे बढ़ा कर सु कियानक्सुन के चेहरे को दबाया। " मेरी आज्ञाकारी बेटी,तुम आज रात चेयरमैन लीउ के साथ बेहतर ढंग से पेश आओगी मुझे और परेशान मत करना ।"
सु कियानक्सुन बेहद डर गई थी। उसने जबरदस्ती किआओ बोनियन को धक्का देकर वहां से भागने की कोशिश की लेकिन थोड़ा आगे चलते ही उसे दो पुरुष अंगरक्षकों ने पकड़ लिया। वो सु कियानक्सुन को किआओ बोनियन के सामने फिर ले आए।
"मुझे जाने दो। तुम मुझसे क्या चाहते हो ?!" सु कियानक्सुन ने संघर्ष किया , लेकिन उन दो पुरुष अंगरक्षों की पकड़ से खुद को नहीं छुड़ा पाई ।
किआओ बोनियन की आँखों में गुस्सा था। उसने सु कियानक्सुन के चेहरे को जोर से पकड़ा , अपने हाथ में पीने वाली दवाई को खोला और सु कियानक्सुन के मुँह में सब पलट दिया।
सु कियानक्सुन ने लगातार हिलाया और किआओ बोनियन से अपनी पूरी ताक़त के साथ लड़ी। हालाँकि , किआओ बोनियन बेहद निर्दयी था और उसने मुँह में सारा दवाई निगलने के लिए उसको मजबूर किया।
तरल दवा एक प्यार की भावना उत्पन्न करनेवाला प्रदार्थ थी। पुरानी घटना से किआओ बोनियन ने सबक सीख लिया था और इस बात को सुनिश्चित किया इस बार योजना में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।
सु कियानक्सुन के सारी कामोद्दीपक औषधि निगलने के बाद , अंगरक्षकों ने उसको छोड़ दिया। घबरा कर युवा महिला अपने बगल में पड़े अध्ययन मेज़ पर बेहोश हो कर गिर पड़ी।
उसे बेहद गर्मी महसूस होने लगी ,जैसे की उसके शरीर के अंदर की हड्डियों पर हजारों चींटियाँ उसे नोंच रही थीं।वह वास्तव में अपने सारे कपड़े उतारना चाहती थी ...
" इसे चेयरमैन लीउ के पास ले जाओ !" किआओ बोनियन एक असली शैतान था !
सु कियानक्सुन ने अपनी पूरी ताक़त से स्टडी टेबल से फल काटने वाले चाकू को उठाया। वो किआओ बोनियन को देखने के लिए पलटी और धीमे से कहा ," तुम अपनी बात पूरी करो उसके बजाय मैं मरना पसंद करूंगी !"
उसने यह कहने के बाद , अपने पेट के नीचे बिना किसी हिचकिचाहट के वार किया ...
बहुत ज़्यादा पीड़ा हुई और सु कियानक्सुनको थोड़ा होश आया। उसने चाक़ू को बाहर निकाला और सब जगह खून की छींटे थी ...
सु कियानक्सुन तुरंत ज़मीन पर गिर गई। उसने अपने पिता को गुस्से में गुर्राते हुए सुना था।
"अगर तुम आज मर भी जाती हो तो भी तुम्हे चेयरमैन लियू के बिस्तर पर मरना होगा ! इसको वहां भेजो !"
सु कियानक्सुन पूरी तरह से टूट गई जब उसने सुना जो किआओ बोनियन ने कहा।
चेयरमैन लियू के कमरे में भेजने से पहले उन्होंने सु कियानक्सुन के घाव को साधारण सा इलाज़ दिया। कामोद्दीपक दवा सु मन्नी द्वारा तैयार की गयी थी। क्योकि वो सु कियानक्सुन को दिल से नफरत करती थी , उसने खुद से सबसे मजबूत कामोद्दीपक तैयार किया।
सु कियानक्सुन पूरी तरह से अपने होश खो चुकी थी। यहां तक कि दर्द भी उसे होश में लेन में मदद नहीं कर सका।
वो अपने लम्बे बिखरे हुए बालों के साथ बिस्तर पर लेट गई और उसका छोटा सा मुँह खुला हुआ था जैसे कि कोई मछली सांस ले रही हो। युवा महिला लगातार तड़पती रही , अपने शरीर के नीचे की चादर को जोर से जकड़ा जैसे कि उसकी पूरी ज़िन्दगी उस पर निर्भर थी।
वो एक ललचानेवाला दृश्य यह था जो चेयरमैन लियू ने देखा जब वो कमरे में दाखिल हुआ और उसका खून तुरंत सर तक चढ़ गया। बिस्तर के ओर चलते हुए उसने अपने कपड़े उतारे और पूरी तरह से बिना कपड़ों के था जब वो उसके करीब पहुंचा।
उसने इस बात की परवाह नहीं की कि बिस्तर पर युवती घायल थी, और उसने जल्दी से उसके शरीर को अपने नीचे दबा दिया। इसके बाद उसने अपने सिर को नीचे कर उसे चूमना शुरू कर दिया ...