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Chapter 64 - उसे जीतना होगा !

सु कियानक्सुन ने एक पोशाक पहनी हुई थी, और उस में एक घोड़े की सवारी करना कठिन था, इसलिए वह भी एक घुड़सवारी की वर्दी बदलने के लिए चली गई।

उसने एक काली पोशाक को चुना। जब वह बाहर निकली तो हर कोई उसका रूप देखकर हैरान था। सफेद शर्ट, काली बनियान और मैचिंग घुड़सवारी के जूते के साथ जवान युवती काफी लंबी दिख रही थी।

तभी सबको एहसास हुआ कि यह जवान युवती भी अद्भुत सुंदर थी। लेकिन उसकी सुंदरता लैन किंगचेंग से थोड़ी अलग थी। उसकी छवि नरम थी , जो अन्य महिलाओं पर शायद ही कभी पाई जा सकती थी।

उसके बारे में सबसे अनमोल बात यह थी कि वह कितनी शुद्ध और स्वाभाविक दिखती थी। यह ऐसा था जैसे कि बस उसे देखकर किसी के दिल में जलन और अवसाद की भावनाएं दूर हो सकती हैं। यह सुकून देने वाला नजारा था।

लैन किंगचेंग सुंदर थी , लेकिन जब उसकी तुलना सु कियानक्सुन से करें तो वो सख्त और बेरहम दिखती थी। 

"मेरे घोड़े को ले आओ," लॉन्ग सिजु ने तांग ज़ुई को नरम आवाज़ में आदेश दिया।

तांग ज़ुई की आँखों में चमक आ गयी , और उन्होंने तुरंत जैसा कहा गया था वैसा ही किया। उन्होंने लॉन्ग सिजु के घोड़े को बाहर निकाला। यह एक अच्छी नसल का मजबूत और सुंदर शरीर के आकार, कोयले की तरह काले फर और बेहद जीवंत आंखों के साथ एक संपूर्ण था।

जब लैन किंगचेंग यह सब देखा तो वह अपने मन में खुश हुई। लॉन्ग सिजु ने कभी किसी को अपने घोड़े को छूने की अनुमति नहीं दी थी। जैसे ही वो लॉन्ग सिजु को धन्यवाद देने ही वाली थी तांग ज़ुई ने घोड़े को सु कियानक्सुन की ओर कर दिया। 

 लैन किंगचेंग के चेहरे के भाव थोड़े सख्त हो गए। वो घूम गई और घोड़े से बात करने का नाटक करने लगी ,लेकिन असल में वो अपनी आँखों के कोनों से सु कियानक्सुन को घूर रही थी। 

सु कियानक्सुन के छोटे, मासूम और खूबसूरत चेहरे को देख कर उसकी आँखों में जानलेवा नज़र चमक रही थी। 

ऐसा लग रहा था कि आखिरकार उसने इस महिला को कम महत्व दिया था। वह निश्चित रूप से किसी को अपनी स्थिति के लिए खतरा नहीं बनने देगी !

आज, वह दौड़ के मैदान में इस कुलटा को चूर चूर कर देगी !

"लड़की , पहले इसके साथ बातचीत करने के लिए कुछ समय ले लो। यह बहुत बुद्धिमान है। यह बहुत तेज़ भी है।"

सु कियानक्सुन ने अपने सामने सुंदर काले घोड़े को देखा। उसने बहादुरी से अपना हाथ उसके सिर को छूने के लिए आगे बढ़ाया। उसने फुसफुसाया, "आज मेरी मदद करो। अगर हम जीत गए, तो मैं तुम्हें कुछ घास खिलाऊँगी ..."

लॉन्ग सिजु आराम करने वाली जगह पर बैठ गया और धूम्रपान करने लगा। निकोटीन के स्वाद ने आखिरकार उसे थोड़ा शांत कर दिया।

लैन किंगचेंग ने अपने घोड़े पर पहले घुड़सवारी किया ।सु कियानक्सुन ने लैन किंगचेंग के एक्शन्स की नक़ल करी और वो भी काले घोड़े पर चढ़ गई। 

"मिस सु, मैं तुम्हारे लिए इतनी साधारण नहीं रहूंगी। "लैन किंगचेंग ने सु कियानक्सुन को बुरी नज़रो से देखा। 

"मैं भी जीतना चाहती हूँ , मिस लैन।" सु कियानक्सुन को पहले ही ठंडे पसीने आ रहे थे। ऐसा इसलिए था… क्योंकि वह नहीं जानती थी कि घोड़े की सवारी कैसे की जाती है!

तांग ज़ुई बिना किसी अहसास के सु कियानक्सुन को खुश करने के लिए उस पर ध्यान दे रहा था। भले ही वह जानता था कि सु कियानक्सुन और लॉन्ग सिजु कभी भी एक नहीं हो सकती , फिर भी उसके दिल के किसी कोने में उसे यह साफ़ दिल वाली जवान लड़की पसंद थी। 

लॉन्ग सिजु को ध्यान से देखने से पहले सु कियानक्सुन तांग ज़ुई को देख कर मुस्कराई। कोई चिल्लाया , "तैयार ", और सु कियानक्सुन तुरंत ही होश में आ गयी। 

उसने घोड़े की लगाम खींची और सीधे सामने की ओर देखा।

जिस क्षण कोई चिल्लाया, "जाओ!", लैन किंगचेंग आगे हुई और तेज़ दौडने लगी। सु कियानक्सुन का घोडा भी आगे तेज़ दौडने लगा। 

 लैन किंगचेंग बहुत तेज थी । घुड़सवारी करते समय उसकी मुद्रा सुंदर थी, जिससे दर्शकों को मजबूत दृश्य आनंद मिल रहा था । हर कोई उत्साह में जयकारे लगा रहा था।

हालाँकि, सु कियानक्सुन वही खड़ी थी। उसने अभी तक सवारी भी शुरू नहीं की थी। 

उसका शरीर बस आगे पीछे हो रहा था। यदि यह काले घोड़े की बुद्धि के कारण नहीं होता, तो वह घोड़े से गिर सकती थी ।

"उफ़ ! यह लड़की घोड़े की सवारी करना नहीं जानती है!" तांग ज़ुई ने कहा। उसके आसपास के लोग भी एक-दूसरे से यही बात आपस में करने लगे। 

उसी समय,लॉन्ग सिजु खड़ा हुआ । उसके हाथ से सिगरेट जमीन पर गिर गई। उसकी नज़रे उस छोटे इंसान पर गई जो उसका घोड़ा चला रही थी। 

रास्ता यू आकर का था और लम्बा नहीं था। जब सु कियानक्सुन ने देखा कि लैन किंगचेंग आगे निकल गई है , उसने घोड़े के पेट पर अचानक से जोर से ठोकर मारी। 

काले घोड़े को उस फटकार से दर्द महसूस हुआ। उसने बिना परवाह किये हुए कि उसके पीछे कौन बैठा है ,घोड़े ने रफ़्तार तेज़ की और आगे निकल गया...

सु कियानक्सुन केवल लगाम को कस के पकड़ सकती थी, जिससे वो अपने आप को गिरने से बचा सके। उसे अपने छोटे भाई की खातिर जीतना था!

जैसे ही सु कियानक्सुन लैन किंगचेंग के करीब पहुंचने वाली थी , लैन किंगचेंग अचानक से व्यंग्यात्मक ढंग से मुस्करायी। उसने चांदी की सुई काले घोड़े की आँख के कोने में घुसा दी। 

घोड़ा तुरंत पागल हो गया और फुफकारने लगा, अपने सामने के खुरों को जमीन से ऊंचा उठा दिया। सु कियानक्सुन खुद को स्थिर नहीं रख पा रही थी और घोड़े की पीठ से नीचे गिर गई। 

सु कियानक्सुन को लगा जैसे कि उसके शरीर के अंग टुकड़े टुकड़े हो गए हों । 

दर्द के कारण घोड़ा अभी भी सिसकियाँ ले रहा था। घोड़े ने अपने खुरों को ऊंचा उठाया और सु कियानक्सुन पर कदम रखने वाला था ...

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