Download Chereads APP
Chereads App StoreGoogle Play
Chereads

Akela

Jazz_Grik
--
chs / week
--
NOT RATINGS
2k
Views

Table of contents

Latest Update1
Akela5 years ago
VIEW MORE

Chapter 1 - Akela

बार बार नाकाम कर देते है मुझे मेरे ही अपने

पर में अपने सपनों को भूलता नहीं,

बार बार मुझे खयाल आता है कि लौट चल

पर में इसे कबूलता नहीं,

घर के अंधेरों ने सिखाया है मुझे रात भर जागना

वरना नींद से आखे लाल मेरी भी हो जाया करती है,

मंज़िल का पता है रस्ते का नहीं रस्ता बनाना पड़ता है

जब घर में कोई बड़ा ना हो तो घर भी चलाना पड़ता है ,

रोज़ मायूसी हाथ लगती है पर कोसिस जारी रखता हूं

कैसे वक़्त गुज़ारा है में याद बातें सारी रखता हूं,

मंजूर नहीं है मुझे के एक दिन हार ही जाऊंगा

जरा सा और चलने दो में उस पार भी जाऊंगा,

किस्मत का इंतजार कभी किया नहीं मैंने

सभी उदासी में दिन कटे हस के जिया नहीं मैंने,

जब सामने मंज़िल को देखा तो हर दर्द चले गए

में अकेला चल के आया हूं किसी का साहारा लिया नहीं मैंने।