जिंदगी गुजर ही रही थी पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था ।
ला खड़ा कर दिया उस डगर पर जिससे मै काफी दूर था ।।
बनकर आया था ऐसा पथिक , बस कुछ पाने की चाहत में।
उनका तो कुछ ना हुआ, लगता है मेरा ही सब कुछ लूट गया।।
मैंने चाहा था जिसे खुद को भूल कर ,
कुछ ऐसा हुआ कि फुर्सत ही नहीं मिली सोचने को उन्हें मेरे बारे में
वो पूछती रही मुझसे की आप को नींद क्यों नहीं आती ,मै बस यूंही मुस्कुराता रहा।
उन्हें लगा कि बस ऐसे ही आदत है मेरी ।।
मै पहले नहीं सोता था तो ठीक था ,पर अब सोने से डरने लगा हूं।
देखो तुमसे बिछड़ने के बाद धीरे -धीरे मरने लगा हूं।।
#tej ❤️