कहानी है दो गुमनाम इश्क करने वालों की
उस शख्स के बारे मे लिखना सबसे बमुश्किल होता है,जो खुद ही मे खुद को समेटे हुए भी,बेखुद रहे।तुमको मैं शब्दो की सीमा बांधना नही चाहुंगा,और शायद ये मेरे वश का भी नही।लेकिन फिर भी कुछ लिखने की गुस्ताखी कर रहा हूं।
लिखना चाहता हूँ,तुम्हारे लिए कुछ अलग शब्द,
इजाद करना चाहता हू नयी जुबा़न,सिर्फ तुम्हारे लिए
बिल्कुल तुम्हारी देह और मेरे प्यार के बराबर,
चला जाना चाहता हूँ,दूर अपने शब्द कोश से।