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WO KON THA

faizanali
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Chapter 1 - वो कौन था l :-))

बेटा नाश्ता तो करते जाओ|

मैं बाइक स्टार्ट करते हुए,

माँ, मैं लेट हो रहा हूँ, बीच रास्ते में किसी ढाबे पर कर लूँगा और मैं ऑफिस केे लिए चल दियाl

माफ़ी चाहता हूँ, मैं आपको अपने बारे में बताना तो भूल ही गया, जी मेरा नाम सुलतान सिंग है, मैं मल्टीनेशनल कंपनी मे जॉब करता हूँ और अाज मेरी बॉस केे साथ मीटिंग है l मुझे जल्दी ही वहाँ पहुँचना हैं , अरे यह क्या- अचानक इस मौसम को किया हुआ l बारिश धीरे धीरे तेज होने लगी और हवाऐं तूफ़ान का रुख लेने लगी l मैंने खुद को कुछ देर रोक लेना सही समझा और नज़दीक एक कॉफ़ी शॉप पर बाइक रोक ली l मैं अंदर जा कर बैठ गया और एक कॉफ़ी आर्डर की l कुछ देर बाद वो वेटर मेरे साथ ही बैठ गया और बात करने लगा, पर मुझे उसकी बातों में कोई दिलचास्पी नहीं नही थी क्यूंकि मुझे ऑफिस जाने की बहुत जल्दी है और मैं मन ही मन कहने लगा यह बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही है l मैं यह सोच ही रहा था की इतनी देर मैं बारिश धीमी हो गयी l मैंने जल्दी से अपना ऑफिस बैग उठाया और दुकान से बाहर आ गया l

मैं बाइक स्टर्ट कर ही रहा था की मुझे सामने एक बुजुर्ग दिखाई दिए उनकी हालत बहुत ही ज़्यादा ख़राब थी मैं उनके नज़दीक गया और बोला बड़े साहब क्या हुआ इतनी तेज बारिश में कहाँ जा रहे हो ॰ लाओ मैं आप को छोड़ दू l बताये कहाँ जाना है l

वो कहने लगे नहीं बेटा तू जा अाज तेरी मीटिंग है, कहीं तुझे देरी न हो जाये,यह बात सुनकर मैं कुछ पल के लिए सोच में पर गया आखिर इन्हे यह बात मालूम कैसे पड़ी l पर उनकी बात को काटते हुए मैंने कहा अरे कोई बात नहीं है और इस मौसम का पता नही है कब खराब हो जाये l आप बैठिए मैं आप को आगे छोड़ दूंगा l मेरी ज़िद से वो बैठ गये और मैं बाइक सार्ट करके चलने लगेगा l मैंने उनसे पूछा चाचा आपको जाना कहाँ है,

पर वो कुछ बोले नहीं l मैंने सोचा शायद सुना नहीं, मैंने उँची आवाज़ में फिर पूछा चाचा आपको जाना कहाँ हैंl तो वो एक दम हरबरा कर बोले "क्या बेटा, क्या कह रहे हो" l उनकी यह हरकत देख ऐसा लगा शायद वो किसी गहरी सोच में है l पर मैंने उनसे फिर पूछा चाचा मैं यह कह रहा हूँ कि आप को कहाँ जाना है l तो उन्होंने बड़ा अजीब ही जवाब दिया

बेटा मेरा मुकाम तो बहुत दूर हैं,तुम ऐसा करो आगे जो चौरहाया आएगा वहां रोक देना l

उनकी यह बात सुनकर मुझे बहुत अजीब लगा l

मैंने कहा वैसे आपका मुकाम है कहाँ मैं आपको वहीं छोड़ दूंगा l

तो उन्होंने मेरे आगे अपना हाथ करा और ऊँगली से आसमान की तरफ इशारा करने लगे, और बोले वो है मेरा मुकाम l

मैं कुछ देर केे लिए सहम गया आखिर यह कह क्या रहे है l

मैंने चौरहाया पर बाइक रोक दीl वो उतरे और कहने लगे जा बेटा तुझे जिस की ज़रूरत है वो तुझे मिल गयीl

और इतने में मेरे दोस्त का कॉल आ गया-: भाई कहाँ हैं तू बॉस आ गया हैं मीटिंग स्टार्ट होने वाली हैं l मैंने कहाँ आ रहा हूँ l

मैंने बाइक स्टार्ट करी और ऑफिस के लिए चल दियाl

और मैं ऑफिस पहुँचा और मीटिंग में सही वक़्त पर शामिल हो गया l एक एक करके हम सब अपने प्रोजेक्ट बताने लगे और मेरा नंबर आया और मैंने अपने प्रोजेक्ट बतायाl

और हमारी मीटिंग खत्म हुई l

हम पाँचो टेंशन में थे मालूम नहीं यह काॅन्टरेक्ट किसे मिलेगा l

हम पाँचो sath बैठ गये l करीब आदा घंटे बाद हम सब को ऑफिस रूम मे बुलाया और बॉस ने मुझे वो काॅन्टरेक्ट दिया साथ ही मेरी तन्खा भी डबल कर दी l

यह सुनकर मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नही था l

मैं अपने काम म लग गया ओर जब मैं ऑफिस से अपने घर के लिए लोट रहा था तो मुझे रास्ते में वो बुजुर्ग की बात याद आ गयी और मैं सोचने लगा शायद अाज मुझे यह कामयाबी उन्ही की वजह से मिली है l

मैं यह सोच ही रहा था की मुझे वो बुजुर्ग दिखे वो मुस्कुरा रहे थे और उनकी ऊँगली ऊपर आसमान की तरफ थी l उन्हें देख मैंने जैसे ही बाइक रोकी, क्यूंकि मेरी बाइक की स्पीड तेज़ थी तो मेरी बाइक थोड़ी आगे जा केे रुकी और जब मैंने मुस्काराते हुए पीछे देखा तो वहां कोई नहीं था l मैं सोच में पर गया और घर लोट आया l

माँ को मैंने अपनी कामयाबी केे बारे में बताया और वो बहुत खुश हुई l

पर रात भर मैं सोचता रहा कि वो कौन थे l

पर जो भी शायद मेरे लिए ही आये थे l

मैंने यह बात अब तक किसी को नहीं बताई lllllllllll