जब उसकी जीवन रेखा 10% रह गयी, तो वो लाल रक्त अवस्था में पहुँचने वाला था। इस अवस्था में सरगना अत्यधिक क्रोधित हो जाता था। ये ग्लोरी का तय नियम था।
ग्लोरी के दिग्गजों की देखरेख में, वो उस पार्टी को कैसे नजरंदाज कर सकते थे, जिसने खूनी बन्दूकबाज से 10% जीवन रेखा में लड़ाई लड़ी थी।
पर खूनी बंदूकबाज अभी लाल रक्त पर नहीं पहुँचा था, फिर भी वो क्रोधित अवस्था में था।
दिग्गज के तौर पर, वो साफ़ तौर पर समझ सकते थे कि खूनी बंदूकबाज की क्रोधित अवस्था का क्या मतलब था। अगर वो लड़ रहे होते, तो वो उसके क्रोधित होने से पहले ही तैयार हो गये होते। पर किसने सोचा था कि खूनी बंदूकबाज इस तरह अचानक क्रोधित अवस्था में पहुँच जायेगा।
"लाल रक्त एकमात्र तरीका नहीं था, उसे क्रोधित करने का" गोलू नाविक ने अचानक कहा।
नीलधारा के चेहरे का रंग का पहले ही बदलने लगा था।
सही में, कुछ सरगनाओं पर, लाल रक्त के अलावा भी कुछ और तरीके थे जिससे वो क्रोधित हो जाते थे। क्रोधित का सीधा मतलब था कि सरगना अगर घातक अवस्था में हो तो उसके बचने का आखिरी मौका। ऊँचे दर्जे के जंगली सरगना जैसे खूनी बन्दूकबाज के लिए लाल रक्त एक मात्र स्थिति नहीं होती थी जब उन्हें खतरा महसूस होता था। और भी घटनाएँ थी, जो उन्हें एहसास दिलाती थी कि अब क्रोधित होने से उनकी परेशानी दूर हो सकती थी।
"200 लड़ाईयां?" नीलधारा के मुंह से निकला।
इस पर ध्यान देने के लिए पहले ही बहुत देर हो चुकी थी। जब तक खूनी बन्दूकबाज ने चिल्लाना और चमकना शुरू किया तब तक देर हो चुकी थी।
सब को लगा की नीचे धरती हिल रही थी। धरती फटना शुरू हो गयी थी। टूटी हुई कब्रगाह और डरावने ताबूत ऐसे लग रहे थे जैसे जागे हुए हो और हिल रहे हो।
खूनी बंदूकबाज के क्रोधित होने से उसकी अधमरी सेना चली आई।
सैनिकों की संख्या उतनी ही थी, जितने दायरे में खिलाड़ी थे हमला करने के लिए। इस समय यह काफी दुःख की बात थी। तीनों महान संघ खूनी बंदूकबाज के हमले के दायरे में थे। वो बस विकट देव को अपने समूह में शामिल करना चाह रहे थे।
वो तीन किसी एक आदमी को नहीं दर्शा रहे थे। वो अपने समूह के नेता थे, तो उनमे से हर एक आपने पूरे संघ के बदले खड़ा था मैदान पर।
आम तौर पर जब वो खूनी बंदूकबाज से लड़ते थे तो इससे पहले की वो लाल रक्त की अवस्था में पहुँचे, नेता जरूर ही खूनी बंदूकबाज के दायरे से निकल जाते थे। पिछले कई सालों से इसी तरीके के इस्तेमाल से तीनों महान संघ न जाने कितनी बार राक्षस से लड़े थे। वो सब खूनी बंदूकबाज के बुलावे से वाकिफ थे।
"हा हा हा हा"
खूनी बंदूकबाज का बुलाना लगातार जारी था। एक बड़ी संख्या में पहुँचे ज़ोंबी, कंकाल पहले ही धरती से निकलकर पृथ्वी, ताबूत, और कब्रगाह पर चढ़ गये थे।
वो सौ से ज्यादा थे।
"ढंग से रहो। पंडितो और मायावियों को बचाओ!!" तीनों महान संघों के निर्देश लगभग एक तरह के ही थे।
अभी-अभी बुलाई गयी अधमरी सेना का हमला खूनी बंदूकबाज की तरह नहीं था। उनका हमला खिलाड़ी को देखकर फिर शुरू से शुरू होता था। जो कोई उनके करीब दिखता था, वो उस पर हमला करते थे। एक ही झटके में, कब्रिस्तान में एक भयानक लड़ाई छिड़ गयी।
खूनी बंदूकबाज द्वारा बुलाए गये जोम्बी और कंकाल, कब्रिस्तान के आम राक्षसों से ज्यादा खूंखार नहीं थे। पर उनके साथ दिक्कत ये थी कि उनका दर्जा बहुत ऊँचा था। वो सब खूनी बंदूकबाज के दर्जे के थे, 26 वे दर्जे के, कब्रिस्तान में सबसे ऊँचा दर्जा। उनका दर्जा सभी खिलाड़ियों को दबा रहा था, इससे उन्हें संभालना कठिन हो रहा था।
अगर उनके अचानक गायब होने और इधर उधर उत्पन्न होने को भी जोड़ा जाये तो सभी लोगों को काफी अलग-अलग सा महसूस कर रहे थे। पहले लम्हे में, वो खिलाड़ी थे जो घिरे और तुरंत मर गये।
तीनों महान संघ के नेताओं के भाव गंदे से थे। वो जानते थे कि ये 200 लड़ाई कुछ ऐसा था जो विकट देव ने जानबूझकर शुरू किया था
इस लड़ाई को सँभालने के लिए खूनी बंदूकबाज को कई बार हमला करना पड़ा था। उसने गिना था कि कितनी बार हमला हुआ। पर हर तरफ से एक ओर केन्द्रित की गयी आग के कारण लड़ाई का 200 के ऊपर जाना काफी सरल था। नतीजतन, इससे खिलाड़ियों द्वारा बहुत ज्यादा डराए जाने से इसे बचा लिया गया।
आम तौर पर, वो लड़ाई पर ख़ास ध्यान देते थे। लड़ाई को खत्म करना, लड़ाई को शुरू करने से ज्यादा आसान था।
पर विकट देव ने पार्टी को 200 लड़ाई लड़ने के निर्देश दिए। इससे भी ज्यादा, उसने ऐसा तब किया जब तीनों महान संघ हमले के दायरे में थे। उसने ऐसा साफ़ तौर पर इसलिए किया था जिससे सरगना क्रोधित हो जाये और तीनों महान संघ रुक जाये।
उसका मकसद अभी भी खूनी बंदूकबाज था।
पर अब खूनी बंदूकबाज का क्या?
खूनी बंदूकबाज का हमला अब बदल नहीं सकता था क्योंकि वो क्रोधित हो चुका था। उसके हमले का बिंदु अभी भी विकट देव ही था। क्रोधित होने के बाद, वो तुरंत ही हिंसक हो गया और विकट देव को धुंए के सफ़ेद बादल से मारा।
तीनों संघों के खिलाड़ियों ने इसे देखा, पर वे खुश नहीं थे। जो मार खाया वो सिर्फ विकट देव की परछाई थी।
विकट देव का असली शरीर कहाँ था? जैसे ही परछाई का क्लोन गायब हुआ, बंदूकबाज का एक और हवाई हमला हुआ और वो उल्टा उड़ता हुआ कई गोलियां से बचता निकल गया।
खूनी बंदूकबाज ने तेजी से उसका पीछा किया। तीनों महान संघों के खिलाड़ी अधमरी सेना से उलझे हुए थे और उनके पास देखने का समय नहीं था। वो अधमरी सेना की बढ़त को रोकने पर ही ध्यान दे रहे थे।
अनाड़ी झगडू और बाकी सभी स्तब्ध खड़े थे। वो ख़ुशी ख़ुशी वापस भाग आये थे, फिर से समूह में जुड़ने और इनाम लेने। पर कौन जानता था कि इस तरह की अनचाही घटनाएँ घटेंगी। वो तीनों बेबस थे क्योंकि उनकी बाकी के दो साथी अधमरी सेना द्वारा मांस के टुकड़े की तरह फाड़ के फेंक दिए गये थे।
उन तीनों ने तुरंत अपने कदम रोक लिए। आखिरकार उन्हें समझ आया कि विकट देव किस खतरे की बात कर रहा था।
थोड़ी ही देर में, उन्होंने विकट देव को उड़ते हुए देखा। उसके पीछे आश्चर्यजनक रूप से तेज खूनी बंदूकबाज को देखा।
तीनों को समझ नहीं आया कि क्या करना है। उन्हें समझ नहीं आया कि विकट देव भाग रहा था या कुछ और कर रहा था, तब तक जब तक उन्होंने विकट देव का आदेश नहीं देखा: जाओ!
"कहाँ जाये?" तीनों खिलाडियों ने पूछा।
"यहाँ आओ और सरगना को मारो" ये क्सिऊ ने कहा।
ठगे हुए से तीनों खिलाड़ी मुड़े और भागने लगे।
"यहाँ आओ" ये क्सिऊ ने तीनों खिलाड़ियों को दिशा दिए।
तीनों महान संघ ने इसे साफ़ तौर से देखा। उनके पास कोई बचे हुए आदमी नहीं थे और वो सिर्फ गुस्से में अपने पैर पटक सकते थे।
"वो आदमी खूनी बंदूकबाज को दूर ले जा रहा है" हर कोई चिल्लाया।
नीलधारा गुस्से से लगभग मर गया और विकट देव को एक संदेश भेजा, "भाई तुम अच्छे नहीं हो"
इस समय विकट देव सिर्फ भाग रहा था। वो कभी-कभी खूनी बंदूकबाज को साँस लेने का समय दे देता था। उसके पास नीलधारा को जवाब देने का समय था।
"क्या गलत है?" ये क्सिऊ ने जवाब दिया।
क्या मतलब, क्या गलत है!! नीलधारा ने संदेश देखा और अधिक गुस्सा हो गया। जैसे ही वो अगला संदेश भेजने वाला था, उसे लगा कि उसके पास कहने को कुछ भी नहीं था।
सही है, क्या गलत है? उस आदमी ने क्या गलत किया? उस आदमी ने खूनी बंदूकबाज चुराने की योजना बनाई थी। पर ऐसा कहना, वो सही नहीं था? ग्लोरी में ऐसा कोई शब्द नहीं था। जंगली सरगना हमेशा चुराया ही जा सकता था। पर आम तौर पर, ये हमेशा तीनों महान संघों द्वारा ही चुराया गया था। यदि ये तीनों महान संघ के अलावा किसी के द्वारा चुरा लिया गया, तो ये सही क्यों नहीं था?
नीलधारा कुछ कहने लायक नहीं रहा।
उसके अलावा, अनंत रात का संदेश देखा।
"तुम बहुत तेज तर्रार हो"
"हा हा" ये क्सिऊ ने जवाब दिया।
"पर अपने उपर बहुत ज्यादा खुश न हो। इतने कम लोगों के साथ, तुम्हे सही में लगता है कि हम इन कचरों को साफ़ करे, उससे पहले तुम उसे मार दोगे? तुम्हे लगता है कि हम तुम्हे ढूंढ नहीं पायेंगे?" अनंत रात ने कहा।
"तो बेहतर है, तुम लोग जल्दी करो" ये क्सिऊ हँसा और और एक धुएँ को सांस में भर लिया।
"हम कहाँ भाग रहे है?" बगल खड़े अनाड़ी झगडू ने विकट देव से पूछा।
ये क्सिऊ ने अभी और खिलाड़ियों को जवाब भी नहीं दिया था, जब एक खिलाड़ी ने चिल्लाना शुरू किया: "उह, ओह! लोग हमारी तरफ आ रहे है"
"घबराओ मत। पार्टी के नेता की पदवी मुझे दो" ये क्सिऊ ने कहा।
अनाड़ी झगडू ने बिना सोचे ही पार्टी के नेता की पदवी विकट देव को दे दी।
सिस्टम संदेश: खिलाड़ी भूमि सप्तम आपकी पार्टी में शामिल हो गया है।
खिलाड़ी वरुण लहर आपकी पार्टी में शामिल हो गया है।
खिलाड़ी सूर्यास्त मेघ आपकी पार्टी में शामिल हो गया है।
खिलाड़ी सुषुप्त शेखर आपकी पार्टी में शामिल हो गया है।
खिलाड़ी निमग्न जेड आपकी पार्टी में शामिल हो गया है।
"मारो" ये क्सिऊ ने तेजी से चिल्लाया। अनाड़ी झगडू और अन्य विस्मित देख रहे जब लोगों का झुंड उनकी तरफ टूट पड़ा था। कुछ उसे "भगवान" कह रहे थे, कुछ "जानकार साथी" और कुछ ने कुछ भी नहीं कहा। वो सब खूनी बंदूकबाज की तरफ मुड़ गए हमले के लिए।