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Chapter 13 - मुझे छूकर मेरी प्रशंसा करी?

क्या वहाँ एक लड़ाई होने जा रही थी?

उसे अभी तक किसी से डर नहीं था।

हालाँकि, फू जीऊ को बिना वजह दुश्मन बनाना पसंद नही था।

"हैंडसम, मैं आपकी तारीफ कर रहा था"। यह अच्छा नहीं होता अगर वह उसकी तारीफ करने के बाद भी वो उसे पीटने के लिए लोगों को ले कर आता। 

किन मो अचानक हँसा, लेकिन उसकी आँखों में सिर्फ उदासीनता ही थी। ऐसा लग रहा था कि वह केवल फू जीऊ को टुकड़ों में कर के ही अपने गुस्से को शांत कर सकता था। "मेरी छाती को छूना प्रशंसा का एक तरीका है?"

"तुम कोई लड़की नहीं हो, छूने में कौन सी कोई बड़ी बात हो गई।" फू जीऊ ने समझाया। "थोड़े उदार बनो।"

किन मो की आँखें उपेक्षा से फू जीऊ के हाथ से दूर चली गईं, और उसकी आवाज़ से ऐसा लग रहा था जैसे वो उसके टूटे हुए दाँतों के बीच से निचुड़ कर आ रही हो। "बड़े दुःख की बात है। उदारता नाम का शब्द मेरे शब्दकोश में कभी रहा ही नहीं"। 

क्या इसका मतलब यह था कि लड़ाई से बचना मुश्किल था? 

फू जीऊ ने उस बहुत ही खतरनाक पीठ को देखा और अपनी दुखती हुई कलाई को हिलाया। 

पेड़ों के पत्तों से सूरज की किरणें उस पर बिखर गई, मानो उस पर असीम प्रकाश डाला गया हो, और वहाँ केवल आलस्य और विलासिता थी, और कुछ नहीं।

वहाँ से गुज़रते लोगों से भी वो दहशत में आ गए। 

ऊपर से, वहाँ काले कपड़े पहने अंगरक्षकों का झुंड था जो उस के पीछे चल रहा था।

ऐसा लग रहा था कि चीजें वास्तव में मुश्किल होने वाली थीं....

स्कूल के प्रमुख हैरान थे कि युवा गुरु किन ने फू जीऊ को ऐसे ही जाने दिया। उसने उनसे कुछ भी नहीं पूछा, इसलिए उन्हों ने भी उस समय राहत महसूस की।

"सौभाग्य से, युवा गुरु किन एक उदार व्यक्ति हैं।"

"मुझे इसके बारे मे बताओ।"

मार्गदर्शन निर्देशक ने झूठी चेतावनी के बाद अपने माथे पर से पसीना पोंछा।

केवल बिल्ली जैसे दिखने वाले युवक ने अपने सिर को थोड़ा सा झुकाया और अपने बाँहों में खरगोश की गुड़िया के कान को फिर से काटा। 

जिस मालिक को वह जानता था, वह हर बार अंत में बदला लेने की कोशिश करता है, वह जितना शांत था, उसके परिणाम उतने ही गंभीर होने वाले थे....

वह फू जीऊ, जिसने धावा बोला था, बहुत जल्द ही मर जाएगा!

किन मो आगे चल रहे थे। वह अनुभूति, जो उसने पहले कभी अनुभव नहीं की थी, वह अभी भी उसके दिल मे बसी हुई थी, जिससे उसकी आँखों की चमक बेमिसाल गहराई में डूब गई थी। 

अभी कुछ ही समय हुआ था, लेकिन सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को लग रहा था जैसे बरसों बीत गए हों।

जैसे ही किन मो वहाँ से दूर चले गए, चीन क्सिओदोंग बड़ी बड़ी आँखों के साथ हवा के झोंके की तरह फू जीऊ की तरफ दौड़े। "छोटे मालिक, आपको पता है आपने क्या किया? यदि मालिक को पता चला, आप को फिर से सज़ा मिलेगी। और वह युवा गुरु किन, उन्हें किसी का छूना पसंद नही। क्या आप उसकी सीमा का परीक्षण कर रहे थे? और आप भी उसके साथ फ़्लर्ट करने लगे। छोटे मालिक, छोटे मालिक किन आपसे अलग है। वह समलैंगिक नहीं है!" 

फू जीऊ ने अपने हाथ जेब मे डाले और काफी शान्ति से इंकार कर दिया, "मैं भी समलैंगिक नहीं हूँ!"

"आप पहले भी यंग मास्टर किन के साथ ऐसा कर चुके हैं, आप...." चेन क्सिअदोंग ने आह भरी, "मुझे पता है छोटे मालिक। यदि मैं समलैंगिक होता, मै भी युवा गुरु किन पर मरता, लेकिन अपने आस-पास लड़कियों को देखो; वह उन पर न चढ़ी न गले लगाया।" 

फू जीऊ ने उल्टा जवाब दिया जैसे कि उसने उसके बारे में सोचा ही नही था। उसके मुँह के कोने अभी भी आधे खुले हुए थे। "अगर यह तुम्हारे कहे अनुसार है, तो क्या छोटे मालिक किन ने मुझे अपना पहला आलिंगन नहीं दिया?" 

"छोटे मालिक...." चेन क्सिओदोंग अपने युवा गुरु से पूरी तरह हार गया था। ऐसे समय में, यह अब भी ऐसी बातें सोच रहा है।

फू जीऊ ने उसके कंधे को थपथपाया। "मै मज़ाक कर रहा हूँ, लेकिन मै साफ़ बता दूँ; मेरा उसे गले लगाने का इरादा नही था। मैं कंप्यूटर सिटी जाने की सोच रहा था, और मेरे समझने से पहले ही किसी ने पीछे से धक्का दे दिया।"

"मुझे आप की बात पर भरोसा है!" चेन क्सिओदोंग बहुत गंभीर था!

फू जीऊ ने अपनी भौंहों को ऊपर उठाया।

चेन क्सिओदोंग कहने लगा, "इसलिए छोटे मालिक, हम एक दूसरे के साथ ईमानदार रहेंगे। अगली बार, अगर आप युवा गुरु किन को कुछ भी करना चाहे, मुझे पहले बताएँ!" 

फू जीऊ: "...." 

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