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Chapter 32 - उसे पीछे छोड़ दिया

तेंजिन का गुस्सा हर कदम के साथ बढ़ता जा रहा था।

लॉबी पर पहुंचकर न उसे मुबाइ मिला, न उसकी कार।

केवल चांग अन हॉस्पिटल के प्रवेशद्वार पर उसके लिए रुका था।

" मुबाइ कहॉं है?" तेंजिन ने उस सहायक से पूछा।

चांग अन ने आदर के साथ उत्तर दिया, "सीईओ शी की एक महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक बैठक थी, इसीलिए उन्हें जाना पड़ा। उन्होंने मुझे आपके लिए रुकने बोला है। चिंता न करें, मिस चू, मैंने ड्राइवर बुलाया है, आपके लिए कार आती ही होगी।"

"वो चला गया?" तेंजिन ने अशांतिपूर्वक पूछा।

"जी।" चांग अन ने हामी भरी।

तेंजिन के चेहरे पर वह मुस्काम फुर हो गई, जिसकी रचना उसने मुबाइ के लिए की थी।

मुबाइ ने न केवल उनका लंच छोड़ दिया, बल्कि बिना बताए उसे अकेले अस्पताल में भी छोड़ दिया।

तेंजिन की मंशा जिंगे के हाथों मिले अपमान की गाथा उसे कहने की थी, पर वह जा चुका था।

क्या सच में उसके मन में मेरे लिए प्रेम है?

जिंगे के प्रति उसके इच्छित दयापूर्ण कार्य में क्या मुबाइ को रत्तीभर भी रुचि नहीं थी?

तेंजिन ने अपनी योजना पर पूरी तरह पानी फिरने के कारण दॉंत भींच लिए। वह दो कारणों से जिंगे के पास वापस आई थी, एक जिंगे के आत्मविश्वास को चूर- चूर करना और दूसरा मुबाइ को अपनी दया और करुणा के दर्शन कराना।

लेकिन… जिंगे उसकी सोच से कहीं अधिक सख़्त निकली और अब मुबाइ भी जा चुका था। अगर वह मुबाइ को अपनी दया का मुज़ाहिरा नहीं कर पाई, तो जिंगे के पास जाने का क्या लाभ हुआ? न केवल यह, वह इसकी शिकायत भी करना चाहत थी कि जिंगे ने उसकी दया को किस बर्बरता से ठुकराया।

मुबाइ के व्यक्तित्व के अनुसार, अगर जिंगे की ज़िद का पता मुबाइ को होता, तो उसकी ऑंखों में जिंगे की छवि धूमिल होती। पुरानी शिकायतों से चिपककर रहनेवाले लोग उसे पसंद नहीं थे। जिंगे को मुबाइ की नज़रों में गिराने का छोटा-सा सुनहरी मौका तेंजिन गंवा बैठी थी।

हाय, उसका आदमी तो जा चुका था। वह शायद केवल फोन पर जिंगे की शिकायत कर पाती। इससे तेंजिन की छवि सकारात्मक न बनती। लेकिन, यह छोटा-सा सुनहरी मौका तेंजिन गंवा बैठती, तो वापस मिलना मुश्किल था।

दूसरे शब्दों में, उसे लेने के देन पड़ गए थे।

अपने बाजू बैठे चांग अन पर एक गहरी लंबी नज़र डालते हुए उसकी ऑंखें डबडबा आईं।

चांग अन उसे रोता देखकर परेशान हो गया और फुर्ती से बोला, "मिस चू, क्क्या हुआ? सीईओ शी ने सच में जानबूझकर आपको यहॉं नहीं छोड़ा, उन्हें ज़रूरी काम था। कृपया उदास न हों…"

तेंजिन ने अपने ऑंसू पोछें और जबरदस्ती मुस्कुराई, "इसका मुबाइ से कोई ताल्लुक नहीं। मेरी गलती है। मैं भूल गई थी कि जिंगे कितनी घमण्डी है। मुझे पता होना चाहिए था, कि उसके लिए अपने गर्व को पचाकर मेरी मदद स्वीकार कर पाना कठिन था। अंसेवदनशील होने का दोष मुझे स्वयं को देना होगा…"

"मिस चू, आप किस विषय में बात कर रही हैं?" चांग अन ने पूछा।

"कुछ नहीं। मुझे भी एक ज़रूरी काम है, मेरी प्रतीक्षा करने के लिए धन्यवाद," तेंजिन जाने से पहले बोली। जानबूझकर अपनी ऑंखों से गिरनेवाले ऑंसू पोंछना वह न भूली।

चांग अन ने उसे पीछे से बहुत बुलाया, पर वह नहीं मुड़ी।

चांग अन हताशा से उसे एक कैब रोककर जाते देखता रहा। वह मुबाइ को यह बात बताने के लिए निकल गया।

मुबाइ की कोई महत्त्वपूर्ण बैठक नहीं थी, भले वह ऑफिस जल्दी आ गया था। वह जिंगे के व्यवहार से पगला गया था और अस्पताल में ज़्यादा देर रुकना नहीं चाहता था।

अपनी कुर्सी में आराम करते हुए, उसने अपनी शर्ट का ऊपरी बटन खोला और उसकी सोच उसे वापस उस क्षण में ले गई, जब जिंगे ने उसकी ऑंखों के सामने चेक फाड़ डाला था।

एक करोड़ चेक, बिना पलक झपकाए, फाड़ डाला गया था।

क्या वह सच में इतनी सिद्धांतनिष्ठ थी या उसने केवल मुबाइ को परेशान करने के लिए ऐसा किया?

मुबाइ उत्तर खोज रहा था।

उसके मत में, जिंगे की कृति बहुत मूर्खतापूर्ण थी। उसकी वर्तमान परिस्थिति उसे अपने आदर्शों से चिपककर रहने का कोई मौका नहीं दे रही थी। क्या उसका घमण्ड, उसके सिद्धांत इतने ज़रूरी थे‽

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