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Chapter 13 - दादाजी

"तो ये बात है ।" श्रीमती ली के दोस्तों में से एक ने ये जानकर सिर हिलाया। "बूढ़ी श्रीमती तांग अब कमजोर हो गई हैं है। तांग मेंगिंग एक अच्छी बेटी है, इसलिए कोशिश कर रही है कि उन्हें नीचा न देखना पड़े ।"

तांग मेंगिंग ने नीचे देखा, सभी को अपराधबोध दिखाते हुए ईमानदारी से सिर झुका दिया। "समय पर नहीं समझाने के लिए मुझे खेद है। लेकिन मेरा मतलब यह नहीं था। मैं बाद में समझाना चाहती थी। मुझे नहीं पता था कि सु कियानसी ऐसा करेगी ...वह इस बारे में इतनी गंभीर हो जाएगी..."

"बिल्कुल। इस तरह की बात पे ध्यान केंद्रित करना, वह क्षुद्र है।" श्रीमती तांग ने बात काटकर कहा, "सु परिवार ने आपको अच्छी तरह से नहीं सिखाया। आखिरकार एक नाजायज बेटी। मुझे आश्चर्य है कि कप्तान ली क्या सोच रहे थे।" उसकी आँखों में, तांग मेंगिंग ही एक लड़की थी, जिसकी शादी ली सिचेंग से होनी चाहिए थी।

मिसेज ली भी खुश नहीं दिखीं। आखिरकार यह उनकी बहू थी। यहां तक ​​कि अगर वह सु कियानसी को पसंद नहीं करती थी, लेकिन श्रीमती तांग, सु कियानसी को डांटते समय उन्हें भी अपमानित कर रही थी।

"ऐसा लगता है आप ये जानने को बहुत उत्सुक हैं कि मैं क्या सोचता हूं," ऊर्जा से भरी एक बूढ़ी आवाज ने कहा।

सभी लोग चौंक गए और पीछे मुड़कर देखा।

"मिस्टर। ली।"

"कप्तान ली।"

"पिताजी…"

एक बूढ़ा आदमी चल कर अंदर आया। वह करीब साठ साल के थे, लेकिन उनकी पीठ एकदम सीधी थी, और उनकी चाल अच्छी तरह से प्रशिक्षित थी, जैसे कि राष्ट्रीय सीमा पर तैनात एक सैनिक।

वह उन लोगों में से एक थे जिन्हें सु कियानसी सबसे अधिक सम्मान देती थी, घर के मालिक, कप्तान ली जून।

उन्हें देखकर, सु कियानसी खुद ही सीधे खड़ी हो गयी। यह उसकी आदत थी। सु कियानसी को पता नहीं था कि उसकी आदतन हरकत ने ली सिचेंग की आँखों को और भी गहरा कर दिया।

कैप्टन ली की आवाज सुनकर मिसेज तांग का फूले हुए गालों वाला चेहरा पीला पड़ गया। अजीब माहौल का एहसास होते ही, उसने जल्दी से समझाया, "नहीं, श्रीमान ली, मैं केवल ऐसे ही कह रही हूँ। कृपया इसे गंभीरता से न लें। मुझे कैसे पता होगा कि आप क्या सोचते हैं?"

सु कियानसी मन ही मन हंसी और सोचा। सु कियानसी का सामना करते समय, श्रीमती तांग इतनी अभिमानी थी कि वह खुद को काबू में नहीं रख पा रही थीं। अब जब दादाजी का सामना कर रहीं थीं, तो श्रीमती तांग कैसे कायर बन गईं। कितना अंतर है!

"ऐसे ही बोलना? आप मेरे पोते कि बहु को शर्मिंदा कर रही थीं जिसे मैंने खुद चुना है। अगर मैं आपको बेहतर नहीं जानता, तो मुझे लगता है कि आप मेरे साथ झगड़ा करने की कोशिश कर रही थीं।" उनकी आवाज़ ही सिर्फ मध्यम थी, लेकिन कहे हुए शब्दों में बहुत अधिक वजन था।

उनके ऐसे शब्दों ने श्रीमती तांग को तुरंत भयभीत कर दिया। जब वह समझाने वाली थी, तो उसको एक जोड़ी हाथों ने पकड़ के नीचे किया। तांग मेंगिंग ने अपनी मां के हाथों को दबाते हुए कैप्टन ली से कहा, "दादाजी ली, लंबे समय से हम मिले नहीं हैं।"

कैप्टन ली ने सु कियानसी को देखने से पहले उसकी ओर देखा और केवल अपना सिर हिलाया। उसका बूढ़ा चेहरा अचानक खुश हो गया, जब उसने सु कियानसी को हाथ हिला के बुलाया, "कियानिकियन, दादाजी के पास आ जाओ।"

कियानिकियन...

यह सुने हुए उसे बहुत समय हो गया था। जब से वह तांग मेंगिंग द्वारा फंसाइ गई थी और उसपर आगजनी करने का संदेह किया गया था, उसने कभी भी दादाजी को इस तरह से उससे बुलाते हुए नहीं सुना था।

कम से कम दो साल हो गए थे!

सु कियानसी की आँखें गीली हो गईं जैसे वह उसके पास गई और उन्हें बुलाया, "दादाजी।"

"अच्छी लड़की।" कैप्टन ली जैसे हँसे तो उनके चेहरे पे झुर्रियां पड़ गयी। वह इतने अच्छे थे कि लोगों के लिए उन्हें डरावना कप्तान के साथ जोड़ना मुश्किल था। "क्या तुम्हें अच्छी नींद आई? क्या तुम्हें पुराने घर में सोने की आदत है?"

सु कियानसी ने एक बिल्ली के बच्चे की तरह नम्रता से सिर हिलाया।

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