"शिक्षा जगत में देश के नाम महुडीया गांव का संदेश"
50 से ज्यादा बच्चों ने निजी विद्यालय छोड़ सरकारी स्कूल में लिया एक साथ दाखला
भास्कर न्यूज
छोटीसादड़ी। जिले के छोटीसादड़ी तहसील के छोटे से गांव महुडिया में आठवीं तक का सरकारी विद्यालय बच्चों के अभाव से जूझ रहा था, जब गांव के अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाने के लिए कई वर्षों से तहसील मुख्यालय पर भेज रहे थे, अचानक गांव के बड़े - बुजुर्गों के साथ मिलकर युवाओं ने एक पहल की शुरुआत की। कि आखिर सरकारी विद्यालय में एजुकेटेड शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं तो क्यों ना हमारे बच्चे भी निजी विद्यालयों की बजाय सरकारी विद्यालय में ही पढ़ने जाएं बस फिर क्या था गांव में जणवा समाज की चौपाल का आयोजन किया गया और सभी की आपसी सहमति से निर्णय लिया गया कि हम सभी के बच्चे हमारे गांव के सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाएंगे और वहां जिस किसी प्रकार की भी कमी होगी उसको दूर करने का काम हम गांव वाले करेंगे और देखते ही देखते एक ही दिन में विद्यालय में जहां मात्र 66 बच्चे ही रह गए थे वहां पर 50 से अधिक बच्चों ने निजी विद्यालयों में फिस जमा करा देने के बाद भी उन्हें छोड़कर सरकारी विद्यालय में प्रवेश लिया और दूसरे ही दिन 116 बच्चे इस विद्यालय में पढ़ने जाने लगे अभी यह सिलसिला आगे और भी जारी है, गांव के सेवानिवृत शिक्षक यशराज जणवा और शिक्षक रामनारायण जणवा का कहना है कि देश में अधिकांश प्रशासनिक उच्च पदों पर और समाज के अन्य क्षेत्रों में भी उच्च शिखर पर सरकारी शिक्षण संस्थानों से निकल कर अधिकांश बच्चे पहुंचे हैं,तो फिर हमारे गांव मैं भी हम सभी को सरकारी विद्यालय में पढ़ा कर अपने बच्चों को आगे बढ़ाने का काम करना है।
" विद्यालय में है शिक्षकों की कमी, गांव वाले उठाएंगे अतिरिक्त शिक्षकों का भार"
गांव के वार्ड पंच अमृत लाल जणवा,गोपाल जणवा का कहना है कि जब तक सरकार हमारे गांव के विद्यालय में शिक्षकों की पूर्ति नहीं कर देती हैं,तब तक हम गांव के स्तर पर पैसा इकट्ठा करके अस्थाई शिक्षकों के वेतन की व्यवस्था करेंगे और उसी दिन से दो अस्थाई शिक्षक गांव के सहयोग से रेखा जणवा व मनीषा जणवा को बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में लगा दिया गया वही बीटेक की पढ़ाई कर चुके गांव के युवा गोपाल जणवा द्वारा भी प्रतिदिन 2 घंटे निशुल्क बच्चों को पढ़ाने का संकल्प लिया गया।
गांव के लोग कई संगठनों में है सक्रिय
गांव के निवासी भारतीय किसान संघ के छोटीसादड़ी तहसील अध्यक्ष राजमल जणवा ने बताया कि हमारे गांव के युवा और बड़े बुजुर्ग कई सामाजिक, धार्मिक और अन्य संगठनों में लगातार सक्रिय रहते हुए सकारात्मक सोच के साथ अच्छे कामों को करने में विश्वास रखते हैं उसी का परिणाम है कि आज सब ने मिलकर हमारे गांव की आने वाली पीढ़ी को सरकारी विद्यालय में पढ़ा कर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है हम समय-समय पर पक्षियों के दाना पानी के लिए परिंडे लगाने,उनमें पानी भरने, पक्षियों को अनाज डालने, पशुओं के लिए पशु खेर बनाकर उसमें पानी भरने, गौशालाओं में सेवाएं देने, पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाने, मानव जीवन को बचाने के लिए रक्तदान करने,गांव में पिछले दो वर्षो से सामूहिक दीपावली मनाने और इन के माध्यम से गांव को सकारात्मक सोच के साथ राष्ट्रप्रेम से जोड़ने का काम लगातार करते रहते हैं आज उसी कड़ी में सरकारी विद्यालय के लिए यह निर्णय पूरे गांव के द्वारा लिया गया जिस पर हमें गर्व है।
"छुट्टियों में गांव वाले विद्यालय में पौधों को पिलाते हैं पानी"
विद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष शांतिलाल जणवा ने बताया कि हमने विद्यालय में पिछले कई वर्षों से पेड़ पौधे हरियाली और पर्यावरण अच्छा बनाए रखने के लिए लगा रखे हैं जिनको गर्मी की छुट्टियों में पानी के अभाव के समय में भी टैंकर के द्वारा युवा पानी पिलाने का काम करते हैं जिसका परिणाम है कि आज हमारा विद्यालय पूरा हरा भरा है जिससे बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है और बच्चे पर्यावरण प्रेमी बनने की सीख लेते हैं।
" गांव की यह अनूठी पहल पहुंचे देश के प्रधानमंत्री तक"
महुडिया गांव के साथ मिलकर हमेशा रचनात्मक काम में सहयोग करने वाले किसान नेता सोहनलाल आंजना ने कहां की इस गांव का देशभर को संदेश निजी विद्यालयो को छोड़कर सरकारी विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने का निर्णय अभिभावकों का देश के नाम बहुत बड़ा संदेश है,जो आने वाले समय में शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने में एवं सरकारी शिक्षण संस्थानों में अपने बच्चों को पढ़ाने में निश्चित रूप से सार्थक कदम साबित होगा।