"मैं तुम्हारी तरह एक मंदबुद्धि नहीं हूं," गु जिंग्यु ने लिन चे की तरफ मुड़कर उसके सिर को थपथपाया।
"आह, तुम मंदबुद्धि हो। तुम्हारा पूरा परिवार मंदबुद्धि है!" लिन चे ने गुस्से में चिढ़कर कहा।
वे जल्द ही मंजिल तक पहुंच गए। गु जिंग्यु ने उसे सड़क किनारे उतार दिया और बाहर निकल गया।
जब वो वापस लौटी तो गु जिंग्ज उसका इंतजार कर रहा था। वो सोफे पर अपने पैर ऊंचे करके बैठा था, और उसका सिर नीचे झुका हुआ था क्योंकि वो एक किताब पढ़ रहा था।
ये देखकर कि लिन चे नौ बजे के आसपास वापस आ गई, वो उठा और कहा, "तुम इतनी जल्दी कैसे वापस आ गईं? मैंने सोचा कि मुझे दस के बाद तक इंतजार करना पड़ेगा।"
लिन चे ने कुछ नहीं कहा। ये सब गु जिंग्यु की गलती थी कि वो बिना किसी वजह उसे इतनी जल्दी घर ले आया था।
"कुछ नहीं। खाना इतना अच्छा नहीं था, इसलिए मैं जल्दी वापस आ गई।"
"तो तुमने खाना नहीं खाया?"
"हां, मुझे ज्यादा भूख नहीं थी।"
गु जिंग्ज ने कुछ सोचा और फिर अपना कोट उठा लिया। उसने कहा, "मैं गाड़ी लेकर आता हूं और हम खाना खाने चलते हैं।"
"आह, पहले से ही बहुत देर हो चुकी है..." लिन चे ने कहा।
"चलो चलें," गु जिंग्ज उसके पास गया और लिन चे को पकड़कर दरवाजे तक ले गया।
लिन चे गु जिंग्ज के साथ गई और उसकी तरफ देखते हुए पूछा, "हम क्या खाने जा रहे हैं? मुझे सच में भूख नहीं है।"
"हम कुछ भी खा सकते हैं, जो तुम चाहती हो," गु जिंग्ज ने जवाब दिया।
लिन चे ने ध्यान से सोचा, "मुझे माला सूप खाने का मन है। तुम शायद इसे नहीं खाआगे..."
"क्या?"
गु जिंग्ज की भौंहे तन गईं, "वो क्या है?"
लिन चे ने कहा, "ये एक तरह का स्नैक है।"
गु जिंग्ज ने कहा, "नाम सुनकर तो कुछ खास नहीं लग रहा..."
"तो इसे रहने दो..." लिन चे ने सोचा कि गु जिंग्ज शायद उस तरह की चीज नहीं खाएगा। "हम कुछ और खा लेंगे।"
गु जिंग्ज ने उसे गहराई से देखा और फिर उसे अपनी तरफ खींच लिया। उसने कहा, "चलो चलें। हमें अच्छा माला सूप कहां मिल सकता है? मैं भी इसे टेस्ट करना चाहता हूं।"
लिन चे ने सुना और खुशी से जवाब दिया, "ठीक है, ठीक है। मैं एक ऐसी जगह जानती हूं जो वास्तव में अच्छी है। जब मैं पढ़ाई करती थी तो मैं हमेशा वहां जाती थी। मेरे स्कूल के पास एक छोटी सी फूड स्ट्रीट है।"
गु जिंग्ज हंसते हुए उसके पीछे गया।
वे चले गए और जल्दी से उसके स्कूल के बगल वाली फूड स्ट्रीट पर पहुंचे। दूर से, वे पहले से ही छात्रों के समूह को देख सकते थे। लिन चे ने कहा, "क्या ये जगह अच्छी नहीं है? जब भी में यहां आती हूं, मैं खुद को फिर से जवान महसूस करने लगती हूं।"
गु जिंग्ज ने देखा। वहां बहुत सारे युवा भरे हुए थे। गु जिंग्ज ने कार को थोड़ी दूर पार्क किया ताकि उसके लोग सावधानी से उनका पीछा कर सकें और बहुत पास न आएं। नहीं तो, कौन जानता था कि वे किस तरह के हंगामे को आकर्षित कर सकते थे?
वे दोनों कार से उतरे और सड़क पर पैदल चलने लगे। लिन चे ने कहा,"मेरा स्कूल यहां पास ही में हुआ करता था। देखो? वो थिएटर स्कूल है, वो यूनिवर्सिटी सिटी है, और वहां पर एच यूनिवर्सिटी और क्यू यूनिवर्सिटी हैं। वे सभी सड़क के इस तरफ हैं, इसलिए यहां काफी भीड़ हो जाती है।"
गु जिंग्ज ने सिर हिलाया। वो गली बहुत साफ नहीं थी, लेकिन जीवंत थी। जब वे चल रहे थे, तो लड़के लड़कियों को बातें करते हुए, फिंगर्स खाते हुए, हाथ पकड़े हुए, टहलते और हंसते हुए देखा।
लिन चे ने कहा,"जब आप विदेश में पढ़ते थे तो आपने शायद पहले कभी ऐसा अनुभव नहीं किया होगा, है ना?"
गु जिंग्ज ने कहा, "हां, मैं हमेशा स्कूल में व्यस्त रहता था। मेरे पास फालतू समय नहीं होता था।"
लिन चे ने कहा, "एक किताबी कीड़े की परेशानी"...
"मैं अक्सर रात के खाने के लिए कक्षाओं को मिस करती थी।" उसने जल्दी से अपना मुंह बंद कर लिया और गु जिंग्ज की तरफ शर्मिंदगी से देखा, "मेरा मतलब है, मैंने एक या दो बार कक्षा मिस की थी।"
गु जिंग्ज ने अपना सिर हिला दिया, "ठीक है, तुम्हें अपनी सफाई देने की जरूरत नहीं है। तुम्हारी जैसी बुद्धि के साथ, मुझे लगा कि तुम शायद कक्षा में कुछ सीखती तो होगी नहीं। समय ही बर्बाद करती होगी।"
"हे, ऐसा कुछ नहीं था..." लिन चे ने उसे घूरा।
तभी, एक युवा जोड़ा उनके पास से गुजरा। लड़की ने आइसक्रीम पकड़ी हुई थी और लड़के को निहार रही थी। वे एक-दूसरे से ऐसे बातें कर रहे थे जैसे कि पूरी दुनिया में उन दोनों के अलावा कोई नहीं था, वे सबको अनदेखा कर रहे थे।
उनके हाथ आपस में कस कर लिपटे हुए थे।
गु जिंग्ज ना चाहते हुए भी अपने बगल में देखने लगा।
लिन चे अपना हाथ हिलाते हुए चल रही थी। कभी वो तेज चलती थी और कभी धीरे हो जाती थी।
गु जिंग्ज ने उसके हाथ को छुआ। उसके पूरे शरीर में थोड़ी हलचल हुई, और उसने नीचे देखा। हालांकि, अगले ही पल, लिन चे ने अपने हाथ फिर से हिलाने लगी।
गु जिंग्ज को उसके हाथ पकड़ने का मन हुआ, लेकिन उसे शर्म आ रही थी।
आखिरकार, उनका रिश्ता वाकई अजीब था। गर्मजोशी और कोमलता उनके रिश्ते से मेल नहीं खाती थी।
लिन चे कुछ देख रही थी और चहकते हुए गु जिंग्ज को अलग-अलग स्नैक्स के बारे में समझा रही थी।
गु जिंग्ज ने उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की लेकिन असफल रहा। उसने दूसरी बार कोशिश करने की हिम्मत नहीं की, इसलिए जब उसने लिन चे की तरफ देखा तो उसका चेहरा उतर गया।
लिन चे ने पूछा, "क्या हुआ? तुम्हें यहां अच्छा नहीं लग रहा क्या? हम अभी भी कहीं और जा सकते हैं। वैसे भी यहां बहुत शोर है।"
गु जिंग्ज ने कहा, "नहीं ऐसा कुछ नहीं है...चलो जल्दी से उस दुकान को ढूंढते हैं, जिसके बारे में तुम बात कर रही थीं।"
लिन चे ने जवाब दिया, "ओह, वो सामने ही है। चलो।"
वो बोलते हुए सीधे दुकान में जाने लगी।
तभी एक कार वहां से तेजी से निकली। गु जिंग्ज ने देखा और जल्दी से लिन चे को खींच लिया जो लगभग उससे टकराने ही वाली थी।
लिन चे भी सदमे में आ गई, जब गु जिंग्ज ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया। उसने देखा कि कार उससे केवल कुछ इंचों की दूरी पर ही थी। वो कार उसे लगभग गिराने ही वाली थी।
"ओह माय, वो कितनी पास थी !" लिन चे ने अपनी छाती को थपथपाते हुए कहा।
गु जिंग्ज ने उसे देखकर अपनी भौंहे चढ़ा लीं, "क्या तुम्हें सड़क पार करना नहीं आता है? अगर तुम ऐसे ही अपनी धुन में सड़क पर चलोगी, तो तुम कभी न कभी मुसीबत में पड़ जाओगी।"
"ये उस कार की गलती थी। यहां इतने सारे लोग हैं, वो इतनी तेज गाड़ी क्यों चला रहा था?"
"अगर तुम गिर जाती तो, क्या इस बात पर बहस करने का कोई फायदा था कि गलती किसकी थी? यहां आओ और अब इधर- उधर मत भागो। सावधान रहो कि कोई तुम्हें टक्कर ना मारे," गु जिंग्ज ने कहा। उसने नीचे देखा और लिन चे का हाथ अपनी हथेली में कसकर पकड़ लिया, और उसे आगे की ओर ले जाने लगा।
लिन चे कुछ बोली नहीं। सड़क पार करने के बाद भी गु जिंग्ज ने उसका हाथ नहीं छोड़ा। उसने केवल जगह बदल ली और उसका हाथ पकड़ा रहा। दोनों एक साथ चलने लगे।
लिन चे ने नीचे देखते हुए उसके विशाल हाथ को अपने छोटे से हाथ में कसकर लिपटा हुआ देखा, उसका हाथ इतना बड़ा था कि वो अपना हाथ देख भी नहीं पा रही थी। गु जिंग्ज की हथेली की गर्माहट से लिन चे का दिल भी गर्म होने लगा। उसने नीचे देखा और अपने होंठों के कोनों को ऊपर उठा दिया। उसकी आंखों में एक अलग सी खुशी थी।
गु जिंग्ज उसका हाथ पकड़े हुए चल रहा था। फिर, उसने ऊपर देखा और पाया कि चारों तरफ लोग उन्हें घूर रहे थे। वो अपने चेहरे पर उस मुस्कान को दबा नहीं सका जो वसंत की हवा की तरह थी।
वे दोनों कदम से कदम मिला कर चल रहे थे। ऐसा लग रहा था कि उस पल में सड़क इतनी लंबी हो गई थी, और दोनों में से कोई भी इस सड़क को खत्म नहीं होने देना चाहता था। वे सोच रहे थे कि ये सड़क बेअंत हो जाए ताकि वे हमेशा के लिए हाथ पकड़ कर चलते रहें...
राहगीर उन दोनों को हाथ पकड़ कर चलते हुए देख रहे थे। गु जिंग्ज स्पष्ट रूप से एक वयस्क था, लेकिन वो एक छोटे से लड़के की तरह मुस्करा रहा था। उनके अपनेपन और गर्मजोशी के आगे, युवा प्रेमी भी पीछे रह गए थे। ये इतना सरल, शुद्ध और सुंदर था।