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Chapter 119 - हिलना मत! वरना में खुद को रोक नहीं पाउँगा...

गु जिंग्ज़ लिन चे की तरफ बड़ा और उसे जिज्ञासा से देखने लगा,"क्या तुम ठीक हो?"

जब तक गु जिंग्ज़ ने लिन चे को नहीं पुकारा था,तब तक भी वो उसके ख़ास क्षेत्र को ही घूर रही थी। वो एकदम से चौंक गयी।

लिन चे का चेहरा लाल हो रहा था और उसके कानों के कोने भी लाल थे।

उसने जल्दी से खुद को संभाला और ऐसे दिखाया जैसे वो सामने देख रही हो। 

वो अपने आप को अंदर से कोस रही थी कि वो कितनी बेवकूफ है। क्या वो थोड़ा आत्म-संयम नहीं दिखा सकती थी? क्या उसने यह नहीं ठाना था कि,वो अब गु जिंग्ज़ बारे में नहीं सोचेगी,और उसे एक निर्जीव लकड़ी के टुकड़े की तरह समझेगी?

हालाँकि,ऐसे सेक्सी मर्द को देखकर,कोई भी सामान्य महिला के लिए खुद को रोक पाना मुश्किल था।कोई भी अपने आप को उसे घूरने से नहीं रोक सकता था।

वो इसके लिए सिर्फ गु जिंगज़ को दोषी ठहरा सकती थी। उसने इस दुनिया में उसके जैसा सुन्दर और परिपूर्ण पुरुष नहीं देखा था।और शायद इसलिए ही,उसे उसके साथ हदें पार करने का मन होता था।इसके अलावा,उसे हर रोज़ उसका सामना करना पड़ता था,और उसके साथ एक ही कमरे में रहना था।

वो सोचने लगी,"गु जिंग्ज़ क्यों बिना वजह,नग्न शरीर के साथ इधर-उधर घूम रहा था? वो जानता था कि वो कितना आकर्षक था; उसे पता होना चाहिए कि लोग उसे देखकर कैसी प्रतिक्रिया देंगे।"

तभी,पीछे से गु जिंग्ज ने उससे अजीब तरह से पूछा,"लिन चे,सच बताओ तुम क्या देख रही थीं?"

"अ-आह... मैं कल के शो के बारे में सोच रही हूं। कल मेरा ऑडिशन है और में सोच रही हूँ कि कैसे परफॉर्म करना है,"लिन चे ने उससे नज़रे चुराई और बहाना बनाने लगी।

"ओह,"गु जिंग्ज़ ने कहा, और फिर लिन चे के पास चला गया। उसने लिन चे की आँखों में देखा जो उसे देखकर इधर-उधर घूमने लगीं,वो उसकी गर्दन की नसें और उसके मुँह के कोनों पर फैली फीकी रेखाओं को देखने लगा।

"अब तो तुम्हारे पास मुख्य रोल के बहुत सारे ऑफर होंगे, फिर भी तुम्हें ऑडिशन देने की ज़रूरत है क्या?"

"बिलकुल है। हम प्रोफेशनल हैं। हमें नए रोल्स के लिए कोशिश करते रहनी चाहिए,"लिन चे ने कहा। तभी उसे नम हवा अपने पास महसूस होने लगी। जैसे ही उसने सिर ऊपर किया उसने देखा कि गु जिंग्ज उसके बहुत करीब खड़ा था। लिन चे ने कहा,"गु जिंग्ज, तुम मेरे इतने करीब क्यों आ रहे हो? और तुम कपड़े क्यों नहीं पहन रहे हो?"

गु जिंग्ज़ धीरे से मुस्कुराया और उसे चंचलता से देखने लगा,"मैं अभी शावर लेकर आया हूं और मुझे ऐसे रहने में आराम मिल रहा है। क्या मुझे ऐसे रहने की इजाज़त नहीं है। कपड़ों में पूरा दिन रहने के बाद, मुझे अपने शरीर को आराम देना होता है, ताकि मेरे शरीर के सभी सेल्स अच्छे से सांस ले पाएं।" तुम भी ऐसा करके देखो। असल में, बिना कपड़ों के सोना शरीर के लिए अच्छा होता है। ऐसा करने से, आपका पूरा शरीर आराम कर सकता है,और आपके पूरे दिन की थकान गायब हो जाएगी। "

यह कहते ही, गु जिंग्ज़ लिन चे के ऊपर झुक गया।

जब वो लिन चे पर झुका,तो उसकी विशाल छाती को छूकर लिन चे को ऐसा लगा जैसे वो पूरी तरह से मर्दानगी से परिपूर्ण था ।

"गु जिंग्ज़,तुम क्या कर रहे हो? मेरे पास मत आना; तुम मुझे दबा नहीं सकते। मुझसे दूर हो जाओ" लिन चे ने हाथ ऊपर किया और गु जिंग्ज़ को बायीं और दायीं तरफ से मारने लगी।

गु जिंग्ज ने लिन चे की बांह पकड़ ली और उसे घूरने लगा।

लिन चे घबरा गयी और उसे गुस्से में देखने लगी।

गु जिंग्ज़ ने कहा,"तुम क्या कर रही हो?"

लिन चे बोली,"यह तुम मुझसे पूछ रहे हो? तुम क्या कर रहे हो? तुम...तुम ऐसा नहीं कर सकते ..."

"मैं अपना फोन लेने की कोशिश कर रहा था! तुम्हें क्या लगा कि मैं क्या कर रहा था!" गु जिंगज ने कहा। उसने अपना हाथ बढ़ाया और बेडसाइड टेबल से फोन को उठा लिया।

लिन चे चुपचाप उसे फोन उठाते हुए देख रही थी। गु जिंग्ज़ ने उसे देखा,फिर तकिए पर सिर रखकर लेट गया,और अपने फोन में देखने लगा।

तो वह अपना फोन लेना चाहता था ...

लिन चे ने राहत की सांस ली और अपनी छाती को थपथपाया,फिर वो पलटी और गु जिंग्ज को गुस्से में घूरने लगी।

उसने सोचा कि बिना कपड़ों के इधर-उधर घूमना गु जिंग्ज़ की गलती थी।

अगर वो अपना फोन लेना चाहता था, तो वो दूसरी तरफ से भी जा सकता था। उसे उसके ऊपर से जाने की क्या ज़रूरत थी? क्यूंकि गु जिंग्ज़ उसके ऊपर से निकला,ज़ाहिर है,वो उसके इरादों को गलत समझेगी।

लिन चे ने खुद को कंबल से ढक लिया,लेकिन महसूस किया कि गु जिंग्ज अभी भी वहां नग्न ही लेटा हुआ था। वह चुप थी। क्या गु जिंग्ज़ सच में खुद को उसके सामने उजागर करना चाहता था? वो कपड़े क्यों नहीं पहन रहा था?

"गु जिंग्ज़, क्या तुम कुछ कपड़े पहन सकते हो?"लिन चे उसकी तरफ देखना चाहती थी,लेकिन उसकी हरकतों से परेशान हो गयी थी।

गु जिंगज़ ने अपना सिर उठाकर कहा,"क्यों?"

"अब बहुत हो गया,जाकर कपड़े पहन लो। तुम इस कमरे में अकेले नहीं हो!"

गु जिंग्ज़ ने साधारण रूप से उसकी तरफ देखा,"मुझे लगा कि तुम्हें अब तक इसकी आदत हो गयी होगी। आखिरकार,हम काफी लंबे समय से साथ में रह रहे हैं।"

मुझे कभी इसकी आदत नहीं होगी!

गु जिंग्ज ने लिन चे को गुस्से में अपने घुटने मोड़कर बैठे हुए देखा,और हँसने लगा। वह उसके करीब गया और बोला,"क्यों... तुम अब भी मुझे इस तरह देखकर असहज महसूस करती हो?"

"मैं…"

गु जिंग्ज़ ने कहा,"कहीं ऐसा तो नहीं कि मुझे बिना कपड़ों के देखने में तुम्हें कुछ होता है?"

लिन चे शरमायी और बोली,"कौन तुम्हारे लिए कुछ महसूस करेगा?"

गु जिंग्ज ने जवाब दिया,"फिर तुम डर क्यों रही हो? हम इतने लंबे समय से साथ रह रहे हैं,इसलिए मुझे लगा कि तुम्हें अब तक मुझे इस तरह से देखने की आदत हो गयी होगी। वैसे भी, अगर तुम मेरे सामने बिना कपड़ों के आओगी,तो मुझे कुछ नहीं होगा।"

"हा..." लिन चे ने गु जिंग्ज़ को घूरा।

गु जिंग्ज़ ने अपनी आँखें उसके शरीर पर घुमाईं,"अगर तुम्हें विश्वास नहीं है, तो तुम इसे आज़मा सकती हो।"

"..." लिन चे का चेहरा और भी लाल हो गया। वह उससे दूर हो गई और बोली,"हटो यहाँ से!"

गु जिंग्ज़ उसके पीछे गया,"सही में? तुम मुझ पर भरोसा कर सकती हो।"

खाक तुमपर भरोसा करुँ, बदमाश कहीं के! 

"अगर तुम मेरे करीब आए तो मैं चिल्लाऊँगी!"

"बिलकुल चिल्लाओ। बाहर लोग सोचेंगे कि,अंदर हम पति-पत्नी मस्ती कर रहे हैं।"

"तुम…"

गु जिंग्ज ने उसके खूबसूरत चेहरे को देखा जो गुस्से से सिकुड़ गया था, और हंसने लगा। वह उसके और पास झुक गया,उसकी चौड़ी छाती लिन चे से चिपकी हुई थी। लिन चे ने उसके टेंटुए को ऊपर से नीचे तक देखा,वो मर्दानगी से भरा हुआ लग रहा था। लिन चे ने जल्दी से उसे धक्का दिया और उसे अपने करीब आने से रोका। चूंकि उसने कपड़े नहीं पहने थे, इसलिए वो अपनी हथेली से उसकी नग्न छाती को दबा रही थी। वह एहसास बहुत कोमल था।

तभी,उसे लगा कि कुछ गलत हो रहा था।

गु जिंगज़ ने नीचे देखा और महसूस किया कि उसके सामने का हिस्सा लोहे की तरह सख्त हो रहा है। वो मुस्कुराया और लिन चे को फिर से देखने लगा।

लिन चे जाना चाहती थी, लेकिन गु जिंग्ज़ ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया। लिन चे की तरफ उत्साह से देखते हुए,अंधेरे में भी गु जिंग्ज़ के चेहरे की चमक दिखाई दे रही थी।

"तुम… "

"हिलना मत..." गु जिंग्ज ने उसे रोका और भौहें सिकोड़ लीं।

"तुम इतने करीब क्यों आ रहे हो..." लिन चे ने शरमाते हुए उसे दूर करने की कोशिश की।

गु जिंग्ज की भौंहें उठ गयीं,"मैंने कहा ना कि हिलना मत।"

"लेकिन मैं…"

गु जिंग्ज़ ने लिन चे का हाथ पकड़कर अपने शरीर के निचले हिस्से पर रख दिया।

उसने लिन चे का हाथ वहां रगड़ा,लिन चे को महसूस हुआ कि कुछ हिल रहा है। वह इतनी हैरान हो गयी कि उसने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया।

"अब,तुम्हें समझ आया कि मैं तुम्हें हिलने से क्यों रोक रहा था,"उसकी आवाज भारी और बहुत ज़्यादा सेक्सी थी।

"... मुझे जाने दो,प्लीज..."

"जितना ज़्यादा तुम हिलोगी, यह उतना ही उग्र होगा। इसलिए शांत रहो!" यह लड़की सही में पुरुषों को नहीं समझती थी। वह अभी भी कुलबुलाने की हिम्मत कर रही थी।

अगर वो ऐसे ही हिलती रही, तो उसका सब्र टूट जायेगा।

(क्या गु जिंग्ज़ और लिन चे के बीच कुछ होगा?....जानने के लिए पढ़िए अगला अध्याय)

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