👉 सोच साफ रखता हूं खयाल बेबाक रखता हूं,
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं,
झूठ की इस महफ़िल में सच का अलग मुकाम रखता हूं,
कायरो की इस दुनिया मे,
बीच चौराहे तेरे साथ खड़ने कि औकात रखता हूं,
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं, 👉यू तो जेहन में ऐब हज़ार रखता हूं,
पर जिस्मो से दूर कदम हज़ार रखता हूं
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं, 👉ये नही कहते कि हम सच्चे ह,
इश्क़ में हमने भी खाए धक्के ह,
फिर भी दिल मे तुझे पाने की चाह रखता हूं,
न कि तेज़ाब के दम पर बदले की आग रखता हूं
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं,।। 👉उड़ते पंछियो पर हम पहरा नही रखते,
ख्वाहिश अपनी से जो घर बनाते ह,
नाकामयाब हम ह ,
तो उन्हें अपने साथ जलने की चाह नही रखते, 👉हा अपनी औकात से मै बेहिसाब प्यार रखता हूं,
आंखों में हवस नही,
दिल मे जज़्ज़बात रखता हूं,
जिस्मो के साथ प्यार नही,
दिमाग मे अपने हालात रखता हूं,
मालूम ह मुझे दुनिया के रंगों का,
तभी तो इस दल दल से खुद को मील दूर हज़ार रखता हूं,
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं, 👉खुद के अस्तित्व से बेहिसाब प्यार करता हु,
शायद खुद के हालातों के कारण मैं नज़रे साफ रखता हूं,सोच अपनी बेदाग रखता हूं
न बदले की आग रखता हूं,
औरत का कोई भी रूप हो
बस दिल मे हर रूप के लिए सम्मान रखता हूं,
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं, 👉वाकिफ हु मैं अपने घर की इज़्ज़त से
तभी तो सिर पर शर्म का पर्दा रखता हूं,
हर लड़की को बहन तो नही,
मगर हा
हर किसी की बहन के लिए
सम्मान बराबर रखता हूं, 👉समज़ाकर रखता हूं अपनी इस नीयत को कहीं डोल मत जाना,
देख कर अकेली लड़की
गयी tution अपनी बहन को भूल मत जाना,
यू ही किसी की इज़्ज़त पर,
नीयत अपनी की गंदगी उड़ेल मत जाना, 👉शर्म लहज़ा ह तभी अल्फ़ाज़ साफ रखता हूं
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं,,
याद अपनी औकात रखता हूं
पर्स अपने मे अपना परिवार रखता हूं
तुम्हे खो जाने से डरता हूँ
शायद इसीलिए
किसी को बिखराने से पहले
मैं खुद बिखर जाता हूं,
बहन तेरी हो या मेरी मैं नज़रे साफ रखता हूं, ।।🙏🙏