सुबह के 8 बज रहे थे । अरुण उठ गया था। आज फिर उससे थकान महसूस हो रही तहज जैसी कुछ साल पहले होती थी। उसे लग रहा था । कि वो दोवारा वही बन रहा है।
सुबह के 8 बज रहे थे । अरुण उठ गया था। आज फिर उससे थकान महसूस हो रही तहज जैसी कुछ साल पहले होती थी। उसे लग रहा था । कि वो दोवारा वही बन रहा है।